07-Jul-2016
सामान्य ज्ञान

हम पलक क्यों झपकाते हैं? (सामान्य ज्ञान)

सामान्य रूप से पलक झपकाना एक अनैच्छिक क्रिया है, लेकिन इस क्रिया को हम इच्छानुसार भी कर सकते हैं। हम औसतन हर छः सेकंड में एक बार पलक झपकाते हैं। इसका अर्थ है कि हर व्यक्ति अपने जीवनकाल में लगभग 25 करोड़ बार पलक झपकाता है। क्या तुम जानते हो कि पलक झपकने की क्रिया क्यों होती है ? पलक झपकने की क्रिया


07-Jul-2016
करियर एवं शिक्षा

मत बनाइए बच्चों को डरपोक (करियर एवं शिक्षा )

जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होता जाता है, उसकी उत्सुकता और कल्पनाशीलता भी साथ-साथ बढ़ती जाती है। बच्चा किसी भी प्रकार के खतरे की संभावनाओं व उसके कारणों को समझनें लगता है। यही समझ जहां उसे जागरूक और सावधान बना देती है। वहीं कभी-कभी डरपोक भी बना देती है। देखा गया है कि इस ड़र का विकास उन बच्चों मे ज्यादा ते


07-Jul-2016
व्यवहारिक ज्ञान

मानवता की भलाई करने के लिए सेवारत होना चाहिए (व्यवहारिक ज्ञान )

हर व्यक्ति को मानवमात्र की भलाई के लिए सेवारत होना चाहिए। लेकिन प्रश्न उठता है कि सेवा किसकी? ये प्रश्न जितना सरल लग रहा है उतना ही जटिल है। लौकिक दृष्टि से हम दूसरों की सेवा भले कर लें, किंतु पारमार्थिक क्षेत्र में? सबसे बड़ी सेवा अपनी ही हो सकती है। आध्यात्मिक दृष्टि से किसी अन्य की सेवा नही, अप


07-Jul-2016
लेख

संसार के हर व्यक्ति के अलग होते हैं अंगुलियों के निशान (लेख)

अँगुलियों के निशानों को आधुनिक जैवमितीय प्रणाली माना जा सकता है। उन्नीसवीं शताब्दी के अन्त में सर फ्रांसिस गाल्टन के द्वारा विकसित की गई यह प्रणाली आज भी उपयोग में लाई जा रही है। हमारी अँगुलियों की त्वचा के आन्तरिक स्तरों में होने वाले घर्षण के कारण उनके ऊपर महीन रेखीय पैटर्न या निशान बन जाते हैं


06-Jul-2016
प्रेरक प्रसंग

महानता (प्रेरक प्रसंग)

अस्ताचल को जाते हुए सूर्य भगवान से एक छोटे से दीपक ने कहा -आप सम्पूर्ण विश्व को प्रकाश देते हैं, आप महान हैं, मैं आपको शत्-शत् प्रणाम करता हूँ। सूर्य नारायण बोले! नहीं-नहीं, बंधुवर! ऐसा नहीं है, मैं कुछ भी कर लूँ मगर तुमसे कम हूँ- मैं कभी किसी गरीब की अन्धेरी कोठरी को प्रकाशमान नहीं कर सकता-तुम उ


06-Jul-2016
लेख

पूजा में तुलसी का महत्व (लेख)

ब्रह्मवैवर्त पुराण में कहा गया है कि सहस्त्रों घड़े अमृत से स्नान करने पर भी भगवान विष्णु को उतनी तृप्ति नहीं मिलती, जितनी वे तुलसी का एक पत्ता चढ़ाने से प्राप्त कर लेते हैं। प्रतिदिन तुलसी चढ़ाकर विष्णु जी की पूजा करने वालों को एक लाख अश्वमेघ यज्ञ का फल प्राप्त होता है।


06-Jul-2016
व्यवहारिक ज्ञान

भगवान बुद्ध की शिक्षाऐं (व्यवहारिक ज्ञान )

सम्यक् दृष्टि - सम्यक् दृष्टि का अर्थ है कि जीवन में हमेशा सुख-दुःख आता रहता है हमें अपने नजरिये को सही रखना चाहिए, अगर दुःख है तो उसे दूर भी किया जा सकता है। सम्यक् संकल्प - इसका अर्थ है कि जीवन में जो काम करने योग्य ह


05-Jul-2016
लेख

स्नान विधि (लेख)

दीपनं वृष्यमायुष्ये स्नानमूर्जाबल प्रदम। कण्डूमल श्रमस्वेदतन्द्रातृड् दाह पाष्माजित्।।


04-Jul-2016
अद्यात्म

श्री देवनारायण (अद्यात्म)

श्री देवनारायण भगवान विष्णु के अवतार माने जाते है। इनकी पूजा मुख्यतः राजस्थान, हरियाणा तथा मध्यप्रदेश में होती है। भगवान श्रीदेवनारायण का अवतार सम्वत 968 में साडू माता गुर्जरी तथा गुर्जर श्री सवाईभोज बगड़ावत के घर में हुआ था। श्रीदेवनारायण भगवान के पूर्वज 24 भाई थे। 24 बगड़ावत चैहान गोत्र के गुर्जर


04-Jul-2016
स्वास्थ्य

पोषक तत्वों से भरपूर -टमाटर (स्वास्थ्य)

रोज एक-दो टमाटर खाने से डाॅक्टर की आवश्यकता ही नहीं पड़ेगी। आजकल पुरी दुनिया में टमाटर का उपयोग भारी मात्रा में होता है। आलू और शकरकंद के बाद, समग्र विश्व मंे, उत्पादन की दृष्टि से टमाटर का क्रम आता है। टमाटर में आहारोपयोगी पोषक तत्त्व काफी मात्रा मंे होने के कारण ये हरी साग-भाजियों में एक फल के र