13-Jun-2016
स्वास्थ्य

क्या है रक्त? (स्वास्थ्य)

रक्त एक प्रकार का तरल संयोजी ऊतक है, जो सफेद रक्त कोशिकाओ, लाल रक्त कोशिकाओं, प्लेटलेट और प्लाज्मा से मिलकर बना होता है। इन सभी का शरीर में अलग-अलग काम होता है। प्लाज्मा, का मुख्य काम रक्त का थक्का बनाना है। प्लाज्मा में कुछ प्रोटीन उपस्थित होते हैं, जो हवा के साथ मिलकर थक्का बनाते हैं, और रक्त स


13-Jun-2016
स्वास्थ्य

त्रिफला क्या है? (स्वास्थ्य)

त्रिफला क्या है? त्रिफला शब्द का शाब्दिक अर्थ है श्तीन फलश्।लेकिन आयुर्वेद का त्रिफला 3 ऐसे फलों का मिलन है जो तीनों ही अमृतीय गुणों से भरपूर है। आंवला, बहेड़ा और हरड़। आयुर्वेद में इन्हें अमलकी, विभीतक और हरितकी कहा गया है। त्रिफला में इ


12-Jun-2016
विचार

स्वयं बनाए अपना रास्ता (विचार )

आपने यह कहावत ज़रूर सुनी होगी - ’लीक छाड़ि तीनों चलें, शायर, सिंह, सपूत।’ यानी कि सच्चा कवि, शेर और सुपुत्र हमेशा बने बनाए रास्तों को छोड़कर नए रास्तों पर चलते हैं। ये वे लोग होते हैं, जो अपने लिए खुद रास्ता बनाते हैं और बाद में इनके बनाए गए रास्ते पर दुनिया चलती है। ऐसे लोगों


12-Jun-2016
लेख

गुरु के जीवन में आने पर प्रेम जागेगा व श्रद्धा उत्पन्न होगी (लेख)

जब भी हम किसी को गुरु बनाने जाएंगे, हमारा मन हमें टोकेगा, रोकेगा और हो सकता है बाधा पहुंचाए, क्योंकि गुरु बनाते ही हम किसी के प्रति समर्पित हो जाते हैं। उसके शब्द हमारे शब्द बन जाते हैं। गुरु की हां और ना में हमारी भी स्वीकृति, अस्वीकृति जुड़ जाती है। यदि हम मन का कहना नहीं मानते तो वह अड़चनें पैदा


12-Jun-2016
व्यवहारिक ज्ञान

क्यों होता हैं पितृदोष (व्यवहारिक ज्ञान )

पितृ दोष के कारण परिवार में किसी की अकाल मृत्यु होने से, अपने माता-पिता आदि सम्माननीय जनों का अपमान करने से, मरने के बाद माता-पिता का उचित ढंग से क्रियाकर्म और श्राद्ध न करने से, उनके निर्मित वार्षिक श्राद्ध न करने से पितरों का दोष लगता है। इसके फलस्वरूप परिवार में अशांति, वंश वृद्धि में रूकावट,


12-Jun-2016
अद्यात्म

आत्म-जागरण ही सच्ची चेतना है (अद्यात्म)

हमारे जीवन की विडम्बना यही है कि हम शारीरिक रूप से तो जागते रहते हैं, लेकिन चेतना के स्तर पर उसी तरह सोए रहते हैं, जैसे कि शकुन्तला सो गई थी। जागते हुए जब जागने का एहसास हो, तो यह सजग होने की पहली सीढ़ी है। उठने के साथ ही तो हमें एहसास हो जाता है कि हम जग गए। लेकिन इसके कुछ मिनट बाद ही यह एहसास ति


12-Jun-2016
विचार

चिन्तन - मनन (विचार )

धन की प्राप्ति के उद्देश्य से कार्य करने पर मन संसार में रम जाता है, इसलिये सांसारिक कार्य बड़ी सावधानी के साथ केवल भगवत्प्रीति के लिए ही करना चाहिये। इस प्रकार से भी अधिक कार्य न करें, क्योंकि कार्य की अधिकता से उद्देश्य में परिवर्तन हो जाता है। सांसारिक पदार्थों और मनुष्यों से मिलना-जुलना कम रखन


11-Jun-2016
स्वास्थ्य

चाय पीने के फायदे (स्वास्थ्य)

आमतौर पर चाय को एक हानिकारक पेय के रूप में देखा जाता है किन्तु यदि चाय का इस्तेमाल एक सीमित मात्रा में किया जाए तो इसके कई लाभ भी है आईये जानते चाय पिने के कुछ फायदे - चाय कम उत्तेजक मादक पदार्थ है। इसमें कैफी


11-Jun-2016
स्वास्थ्य

शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के घरेलू उपाय (स्वास्थ्य)

शरीर के किसी भी रोग से बचने के लिए सबसे पहली शर्त है, शरीर का आंतरिक तौर पर मजबूत होना, और रोगों से लड़ने में समर्थ होना। इसके लिए जरुरी है, उचित खान-पान, शारीरिक रूप से सक्रिय होना और उचित नींद। यदि आप लंबी और स्वस्थ उम्र जीना चाहतें हैं, तो इसके लिए आपको अपनी आलसी आदतों पर थोड़ा सा नियंत्रण रखना


11-Jun-2016
विचार

स्वतंत्र चिंतन (विचार )

मानसिक दासता ने हमें हर क्षेत्र में दीन-हीन और निराश-निरुपाय बनाकर रख दिया है। मानसिक मूढ़ता में ग्रसित समाज के लिए उद्धार के सभी द्वार बंद रहते हैं। प्रगति का प्रारंभ स्वतंत्र चिंतन से होता है। समृद्धि साहसी के पीछे चलती है। इन्हीं सत्प्रवृत्तियों का जनमानस में बीजारोपण और अभिवर्द्धन करना अपनी वि