सच का पहला पाठ

Posted on 26-Jun-2016 11:45 AM




एक आदमी के दो बच्चे थे। एक छह साल का और दूसरा दस साल का। आदमी दोनों बच्चों के साथ एक मनोरंजन पार्क में घूमने गया। लेकिन पार्क में सिर्फ पांच-साल तक की उम्र के बच्चों का टिकट माफ था। लेकिन वह दोनों बच्चों का फ्री में प्रवेश चाहता था। उसने अपना दिमाग दौड़ाया। उसने छह साल के बच्चे से कहा, जब टिकट खिड़की पर बैठा आदमी तुमसे तुम्हारी उम्र पूछेगा, तो तुम पांच साल का बता देना। बच्चे ने ऐसा किया लेकिन लड़खड़ाते हुए। उसके बताने के स्वर में मासूम सहजता नहीं थी। खिड़की में बैठे आदमी को थोड़ा शक हुआ। उसने लड़के को किनारे खड़ा कर दिया। उसी वक्त एक दूसरा आदमी पांच साल के बड़े अपने दो बच्चों के साथ आया और सही उम्र बताकर तीन टिकट खरीद लिये। यह देख खिड़की पर बैठे आदमी ने कहा, आपके बच्चे तो बिल्कुल पांच साल के लगते हैं, अगर आप मुझे न बताते तो मैं पहचान भी न पाता। आदमी ने कहा, आप इनकी उम्र भले ही न जानें लेकिन इन्हें तो मालूम है।

सबकः- ईमानदारी का पहला पाठ घर से ही मिलता है।


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