विश्व का सबसे बड़ा मंदिर है अंकोरवाट

Posted on 13-May-2015 12:08 PM




विश्व का सबसे विशाल मंदिर अंकोरवाट उत्तर-पश्चिमी कम्बोडिया के अंकोर शहर में है। अब इस मंदिर को अंकोरवाट और कम्बोडिया को कम्पूचिया कहते हैं। इस मंदिर का निर्माण खमेर राजा सूर्यवर्मन द्वितीय ने बारहवीं शताब्दी के शुरू में कराया था। सूर्यवर्मन द्वितीय का शासनकाल सन् 1113 से 1150 तक रहा।
इस मंदिर की लंबाई 1,550 मीटर (1700 गज) और चैड़ाई 1,400 मीटर (1500 गज) है। मंदिर मंे प्रवेश करने का रास्ता पश्चिम की ओर से है। इसके दरवाजे तक एक संुदर सड़क बनी हुई है। जब यह मंदिर बना, तब इसमें नौ मीनारें थी। पांच मीनारें तो आज भी मौजूद हैं। कमल के आकार की ये मीनारें कभी सोने की परतों से ढकी थी। सूर्यवर्मन ने यह मंदिर इसलिए बनवाया था, ताकि मृत्यु के बाद उसकी अस्थियां यादगार के रूप में इसमें रखी जा सकें। 


मंदिर के आंगन में कई बहुत ही सुंदर चबूतरे हैं। मंदिर में बनी सीढि़यां बहुत ही आकर्षक हैं। इसमें कृत्रिम तरीके से बनी कई गुफाएं भी हैं। पत्थरों को तराश-तराश कर बनाई हुई मूर्तियां उत्कृष्ट शिल्पकला का उदाहरण हैं। ये मूर्तियां अधिकतर हिंदू धर्म ग्रंथों के आधार पर बनाई गई हैं, लेकिन कुछ ऐसी भी हैं, जो सूर्यवर्मन के वैभव से संबंधित हैं। गुफाओं में स्वर्ग की अप्सराओं के बहुत से चित्र बने हुए हैं। इन अप्सराओं को विभिन्न मुद्राओं में दिखाया गया है। इन्हीं सब कारणों से मंदिर की शोभा मंे चार चाँद लग गए हैं। इस मंदिर के अतिरिक्त कम्पूचिया में और भी बहुत से मंदिर हैं, जो खमेर राजाओं द्वारा ही बनवाए गए थे। ये सभी राजा अपने को बहुत ही महान समझते थे। लोग इनको ईश्वर की तरह पूजते थे। सभी मंदिरों का निर्माण इन्होंने अपने वैभव और श्रेष्ठता को दिखाने के लिए ही किया था। कला के ये नमूने उस समय की संुदरता को अत्यंत रोचक ढंग से प्रदर्शित करते हैं। इस मंदिर के अतिरिक्त कम्पूचिया में और भी बहुत से मंदिर हैं, जो खमेर राजाओं द्वारा ही बनवाए गए थे। ये सभी राजा अपने को बहुत ही महान समझते थे। लोग इनको ईश्वर की तरह पूजते थे। सभी मंदिरों का निर्माण इन्होंने अपने वैभव और श्रेष्ठता को दिखाने के लिए ही किया था। कला के ये नमूने उस समय की संुदरता को अत्यंत रोचक ढंग से प्रदर्शित करते हैं।


Leave a Comment:

Login to write comments.