सफलता स्वभाविक क्रिया

Posted on 26-Jun-2016 11:46 AM




सफलता हमारा स्वभाव है। विकास स्वाभाविक क्रिया है। इंसान यदि कुछ भी न करे तो भी वह कुदरत द्वारा सफलता की तरफ खुद-ब- खुद ढ़केला जायेगा। यदि ऐसा है तो फिर प्रश्न उठता है कि हम अपने आस-पास सभी लोगों को सफल क्यों नहीं देखते? कारण इंसान ‘कुछ नहीं करना’ कहाँ जानता है? वह अज्ञानता में बहुत कुछ करता रहता है, जिससे वह सब कुछ बिगाड़ता रहता है। इंसान खाली समय में खाली नहीं रह पाता। वह खाली समय में जो विचार पालता है, वे ही विचार उसकी सफलता में बाधा बन जाते हैं। खाली समय में वह लोगों के प्रति नफ़रत, डर और ख्याली अनुमान लगाता रहता है। खाली समय में परेशान होकर वह गलत संग, गलत ढंग अपना लेता है, जिससे उसकी ओर आने वाली सफलता रास्ते में ही रूक जाती है।


Leave a Comment:

Login to write comments.