सुखी जीवन के सूत्र

Posted on 03-Aug-2016 11:47 AM




नब्बे वर्ष के एक व्द्ध से किसी जिज्ञासु ने पूछा-आपका शरीर पूर्ण स्वस्थ है। आपके शरीर में अपार स्फूर्ति है। आपके भव्य और दिव्य चेहरे को देखकर ऐसा लगता है कि आप पूर्ण रूप से सुखी हैं। वृद्ध ने स्वीकृति सूचक सिर हिलाया और कहा -मैं सुखी हूँ, स्वस्थ हूँ।

जिज्ञासु ने कहा - तो हमंे भी वे सूत्र बताइये जिससे हमारा जीवन भी पूर्ण सुखी बन सके। वृद्ध ने कहा -चिन्ता न करो, चिन्तन न करो, प्रसन्न रहो, पैदल चलो, सवारी कम करो: क्रोध न करो, कम खाओ और अधिक चबाओ, खर्च कम करो, अधिक बचाओ, उपदेश कम दो, कार्य अधिक करो। यदि तुम व्यस्त रहोगे तो तन्दुरुस्त रहोगे। आराम करने से जिन्दगी में जंग लग जायेगा। जिसने यह आवश्यकता अनुभव की कि मेरा जीवन जगत की सेवा के लिये और प्रभु के लिये उपयोगी हो, उसे सफलता अवश्य मिली है।


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