सम्पादकीय 11 जून

Posted on 11-Jun-2015 01:49 PM




इस दुनिया में दोनों ही तरह के लोग हैं - सफल और असफल लोग तथा विजयी और पराजित लोग। यह तो बताने की जरूरत नहीं है कि पराजित कोई नहीं होना चाहता, न ही कोई  असफल होना चाहता है। इसके बावजूद कुछ लोग तो पराजित होते ही हैं, असफल होते ही हैं। क्या आपने इस बात पर कभी सोचा है कि ऐसा क्यों होता हैं। चलिए, दूसरों की बात को हम छोड़ते हैं। क्या आपने कभी इस बात पर विचार किया है कि जिन कामों में आप असफल हुए, उनके क्या कारण थे और जिनमें आप सफल हो पाए उनके क्या कारण थे ? मुझे लगता है कि हम सभी को अपना कुछ समय इसके लिए देना ही चाहिए। तो आइए, आज से ही इसकी शुरूआत इस सच्ची कहानी को जानने के बाद करते हैं। 
फ्रांस के सम्राट नेपोलियन अपने तम्बू मेें गहरी नींद में सो रहे थे कि तभी उनके एक अंगरक्षक ने आकर उन्हें जगाते हुए कहा - “महाराज”, सेनापति आपसे अभी, इसी वक्त मिलना चाहते हैं। नेपोलियन ने करवट बदलते हुए कहा, “जाकर पूछो कि बात क्या है ?” अंगरक्षक ने वापस आकर बताया कि “दक्षिण की ओर से शत्रु ने सेना पर हमला कर दिया है। सेनापति जानना चाहते हैं कि अब क्या किया जाए।” नेपोलियन ने बिना चिन्तित हुए अंगरक्षक से कहा - “कोने के बक्से में चैंतीस नम्बर का एक नक्शा रखा हुआ है। उसे सेनापति को दे दो और कहो कि वे युद्ध का समाचार मुझे सुबह दें।” सुबह विजय की सूचना देते हुए सेनापति ने नेपोलियन से पूछा - “महोदय आपने जल्दी यह योजना कैसे तैयार कर ली ? क्या कोई देवता आपको, हाँ, विचार और दूरदर्शिता नामक दो देवता हमेशा मेरे साथ रहते हैं।” आप जानते हैं कि नेपालियन का नाम विश्व के श्रेष्ठ विजेताओं में लिया जाता है। इस कहावत से अब आप यह भी जान गए होंगे कि एक सामान्य से परिवार का यह सामान्य-सा व्यक्ति कैसे इतना बड़ा व्यक्ति बना। आप भी, जी हाँ आप भी इतनी बड़ी भले ही न सही, लेकिन अभी से तो कुछ अच्छी सफलताएँ पा ही सकते हैं। इसके लिए आपको अपनी आदतों में इन दो बातों को मुख्य रूप से शामिल करना होगा-
1. पहला तो यह कि किसी भी काम को शुरू करने से पहले उस पर अच्छी तरह सोच-विचार कर लें। सोचें कि इसे किस प्रकार अच्छे से अच्छा किया जा सकता है, फिर वह काम भले ही कितना भी छोटा क्यों न हो।
2. दूसरा यह कि इस काम की भविष्य की सम्भावनाओं के बारे में भी विचार करें। अपनी दृष्टि को दूर तक ले जाकर देखें। आप आगे चलकर कैसे इसे बड़ा बना सकते हैं।
ऐसा करके आप भी विचार और दूरदर्शिता नाम के इन दो देवताओं को अपना सहायक बना सकते हैं।


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