अमृत वचन

Posted on 20-Apr-2015 02:43 PM




    इन्द्रियों द्वारा जो विषयों पर, जो विजय प्राप्त कर लेता है।
    निवृत तो होता विषयों से, आसक्त बना ही रहता है।।
    आसक्ति अगर ईश्वर में हो, उसको दर्शन हो जाय अगर।
    दर्शन होने पर विषयों से, निवृति प्राप्त कर लेता है।।
    आसक्ति नाश नहीं होने पर, इन्द्रियाँ प्रभावी होती है।
    स्थिरप्रज्ञ व्यक्ति के मन को भी, इन्द्रियाँ हरणकर लेती है।।


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