टूटने से बची ज़िन्दगी की डोर

Posted on 24-Jun-2015 03:23 PM




नौ माह माँ के गर्भ में रहने के बाद जब मासूम अनुज इस दुनिया में आया ? तो उसे अन्दाजा भी न था कि उसका सामना गंभीर जानलेवा बीमारियों से  होने वाला है। नौ माह की उम्र तक 
उसे हृदय में छेद व एक वाल्व खराब 
की गंभीर बीमारियों ने अपने शिकंजे में 
ले लिया था। गरीब पिता को इस मासूम कि जान जो प्यारी थी लेकिन इलाज के लिए पैसा नहीं था। मजबूरी की इस कठिन घड़ी की भागीदार बनी संस्थान सेवा परमो धर्म एवं सफल ईलाज हुआ अनुज का जयपुर के नारायण हृदयालय में। 
दान सहयोगी... 
जीवनदाताओं का हार्दिक  आभार एवं साधुवाद!


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