जुर्माने के एवज में एएसआई ने लीं 30 व्हीलचेयर

Posted on 04-Jul-2015 11:30 AM




भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की नई सोच से दिल्ली के स्मारकों पर अक्षम लोगों को अब आसानी से व्हीलचेयर की सुविधा मिल सकेगी। दरअसल, उत्तर दिल्ली स्थित रोशन आरा स्मारक के निकट बिना इजाजत इमारत के निर्माण पर लगाए गए एक लाख रुपये के जुर्माने की जगह एएसआई ने इतनी की कीमत की 30 व्हीलचेयर ले लीं। इन्हें दिल्ली के विभिन्न स्मारकों पर जल्द ही भेज दिया जाएगा।

एएसआई, दिल्ली के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, तीन-चार महीने पहले एक व्यक्ति ने कश्मीरी गेट इलाके में स्थित रोश्नआरा स्मारक के पास बिना आज्ञा के निर्माण शुरू किया था। इसकी सूचना राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकरण (एनएमए) को दी गई। एनएमए की जांच में पाया गया कि नियमानुसार वहां इमारत तो बन सकती है। मगर पहले इजाजत लेना आवश्यक था।
आज्ञा नहीं लेने की गलती पर इमारत के मालिक पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया। एनएमए के नियम के मुताबिक, इस तरह के जुर्माने की राशि का इस्तेमाल स्मारकों पर ही खर्च किया जाना अनिवार्य है। इसके बाद एएसआई के अधिकारियों ने इमारत के मालिक को सुझाव दिया  िकवह जुर्माने की राशि से व्हीलचेयर खरीदकर उपलब्ध करा सकते हैं। 
30 अप्रैल को इमारत के मालिक ने एक लाख तीन हजार रुपये कीमत की 30 व्हीलचेयर खरीदकर एएसआई को दीं। एएसआई ने इसके एवज में रसीद भी जारी की। इन व्हीलचेयर को लाल किला, कुतुब मीनार, हुमायूं मकबरा, पुराना किला, फिरोजशाद कोटला फोर्ट आदि स्मारकों पर भेजने की योजना है। अगले कुछ ही दिनों में ये व्हीलचेयर  इन स्मारकों पर अक्षम लोगों के लिए उपलब्ध होंगी।

किसी स्मारक को कितनी व्हीलचेयर  05 लाल किला    05 कुतुब मीनार  05 हुमायूं मकबरा 05 पुराना किला  03कोटला      07 अन्य स्मारक हौस खास में लगी पानी ठंडा करने की मशीन: वर्ष 2014 में ऐसे ही एक मामले में जुर्माने के स्थान पर पर्यटकों के लिए ठंडे पानी की मशीन लगवाई गई थी। इसी तरह कुछ समय पहले पुराने किले सहित


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