09-May-2015
लेख

मांगलिक कार्यक्रमों की शुरुआत से जुड़ी रस्म (लेख)

विवाह संस्कार घर की बेटी (बहन, बुआ और भतीजी) के बिना संपन्न नहीं हो सकता है। इसलिए उनकी उपस्थिति आवश्यक बताई गई है। बहन बेटी ही सुवासिनी कहलाती है। बहन या बुआ को लेने भाई भतीजे जाते हैं। भाई अपनी बहिन को साड़ी ओढ़ाकर लाता है और तभी मांगलिक कार्यक्रमोें की शुरुआत होती है।    &nbsp


09-May-2015
समाचार

पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव 24 मई से (समाचार)

गोवर्धन विलास स्थित हीरामन टावर सेक्टर 14 में 24 से 28 मई तक होने वाले श्री चिंतामणि पाश्र्वनाथ जिनबिम्ब पंचकल्याण प्रतिष्ठा महामहोत्सव श्री चिंतामणि पाश्र्वनाथ जिनबिम्ब पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महामहोत्सव के अध्यक्ष हीरालाल मालवी ने बताया कि पंचकल्याण प्रतिष्ठा महोत्सव राष्ट्रसंत पुलक सागर महाराज सस


09-May-2015
समाचार

पासपोर्ट बनवाना हुआ आसान, अब किसी भी रीजन में कर सकेंगे आवेदन (समाचार)

प्रदेश के लोगों के लिए अब पासपोर्ट बनाना आसान हो गया है। प्रदेश के किसी क्षेत्र में रहने वाला व्यक्ति जयपुर, सीकर और जोधपुर पासपोर्ट सेवा केंद्र पर आवेदन कर सकता है। इसके लिए आवेदक के पास प्रदेश का पता और जन्म तिथि का प्रमाण-पत्र होना जरूरी है। पासपोर्ट अधिकारी विवेक जैफ ने बताया कि इससे पहले पास


08-May-2015
स्वास्थ्य

छाछ का महत्त्वपूर्ण गुण है आमज दोषों को दूर करना (स्वास्थ्य)

छाछ का महत्त्वपूर्ण गुण है आमज दोषों को दूर करना। हम जिस आहार का सेवन करते हैं उस आहार में से पोषण के लिए उपयोगी जो रस विलग होकर बिना पचे पड़ा रहता है उसे ’आम’ कहते हैं। आम अनेक प्रकार के रोग उत्पन्न करता है। इन आमज दोषों को दूर करने में छाछ बहुत उपयोगी है। आम की चिकनाहट को तोड़ने के


08-May-2015
सम्पादकीय

सम्पादकीय 8 (सम्पादकीय )

समय अपनी गति से निरन्तर चल रहा है या यूं कहे कि वह तेज गति से भाग रहा है। निरंतर गतिमान इस समय के साथ कदम मिलाकर चलने पर ही मानव जीवन की सार्थकता है। इसके साथ कदम से कदम मिलाकर नहीं चलने वाला व्यक्ति पिछड़ जाता है। पिछड़ना सफलता से दूर हटना है, उसकी ओर गतिशील होना नहीं। जीवन में वही मनुष्य


08-May-2015
विचार

क्या रात को झाडू नहीं लगानी चाहिए या कचरा बाहर नहीं फेंकना चाहिए ? (विचार )

हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि शाम या रात से संबंधित अधिकांश मान्यताएँ उन दिनों बनी थी, जब बिजली का आविष्कार नहीं हुआ था। प्रकाश के लिए दीपक जलाए जाते थे, जिनका प्रकाश बहुत ही मंद होता था। रात में झाडू लगानेे से यह नहीं दिखता था कि धूल के कण कहाँ उड़ रहे हैं और कहाँ कचरा छूट गया है। यही बात कचरे को


08-May-2015
लेख

आत्म-जागरण ही सच्ची चेतना है (लेख)

हमारे जीवन की विडम्बना यही है कि हम शारीरिक रूप से तो जागते रहते हैं, लेकिन चेतना के स्तर पर उसी तरह सोए रहते हैं, जैसे कि शकुन्तला सो गई थी। जागते हुए जब जागने का एहसास हो, तो यह सजग होने की पहली सीढ़ी है। उठने के साथ ही तो हमें एहसास हो जाता है कि हम जग गए। लेकिन इसके कुछ मिनट बाद ही यह एहसास त


08-May-2015
स्वास्थ्य

जीवन औषध-फल चिकित्सा (स्वास्थ्य)

फल केवल फलाहारी या पैसे वाले या बड़े लोगों के लिए है, ऐसा नहीं समझें, बल्कि फलों का चिकित्सकीय गुण तत्काल व्यक्ति की बीमारियों को दूर करने वाला है। बीमारी में भी फल लाभदायक है बल्कि स्वस्थ व्यक्ति हमेशा स्वस्थ रह सकता है। अतः कौन-सा फल किस बीमारी में विशेष उपयोगी है। आइए जानते हैं और उपयोग करते ह


08-May-2015
लेख

विश्व रेडक्राँस दिवस (लेख)

पीडित मानवता की सेवा बिना भेदभाव के करते रहने का विचार देने वाले तथा रेडक्रॉस अभियान को जन्म देने वाले महान मानवता प्रेमी जीन हेनरी डयूनेन्ट का जन्म 8 मई 1828 में हुआ था। उनके जन्म दिवस 8 मई को विश्व रेडक्रॉस दिवस के रूप में पूरे विश्व में मनाया जाता है। उन्होंने समाज सेवा के क्षेत्र में उल्लेखनी


08-May-2015
स्वास्थ्य

क्या है पीठ (स्पाइन) दर्द (स्वास्थ्य)

पीठ में होनेवाला वह दर्द है, जो ”डोर्सलाजिया” के नाम से भी जाना जाता है यह आम तौर पर मांसपेशियों, तंत्रिका, हड्डियों, जोड़ों या रीढ़ की अन्य संरचनाओं में महसूस किया जाता है। इस दर्द को अक्सर गर्दन दर्द, पीठ के उपरी हिस्से के दर्द,पीठ के निचले हिस्से के दर्द या टेलबोन के दर्द (र