13-Jun-2015
प्रेरक प्रसंग

अक्षय पूंजी है परोपकार (प्रेरक प्रसंग)

जब द्वितीय विश्व युद्ध चल रहा था। रणक्षेत्र में एक जापानी सैनिक की कराह सुनकर भारतीय सैनिक उसके पास गया..........देखा कि घायल सैनिक के शरीर से काफी रक्त बह चुका है............. शायद वह बच भी न पाये.......... उसकी दशा देख भारतीय सैनिक का हृदय द्रवीभूत हो उठा। उसकी मानवीय संवेदना ने उसे झकजोंरा। शत


04-Jun-2015
प्रेरक प्रसंग

इन्सानियत (प्रेरक प्रसंग)

लाल बहादुर शास्त्री उन दिनों रेल विभाग में मंत्री थे। एक बार वे सरदार नगर में होने वालेएक सम्मेलन में जा रहे थे। रास्ते में जंगल पड़ता था। गौरी नाम के गाँव के पास कुछ लोगों ने उनकी मोटर रोक ली और कहने लगे, ‘‘एक गरीब किसान और की प्रसूति का समय निकट है। यदि उसे शीघ्र ही पास के शहर सरदार


03-Jun-2015
प्रेरक प्रसंग

आप के दान की सफलता (प्रेरक प्रसंग)

रहीमदास प्रातः उठकर, नित्यकार्यांे से निवृत्ति पा कर अपने घर के बाहर दान देने के लिये बैठ जाते थे। याचक आते और ले जाते। आते-जाते लोग देखते कि रहीमदास दान भी देते हैं ओर देते समय अपनी नजरें झुका लेते हंै। वह धर्म संस्कृति का समन्वय काल था। गोस्वामी तुलसीदास जी भी उस काल में ही थे। किसी ने तुलसीदास


24-May-2015
प्रेरक प्रसंग

अच्छे-संस्कार (प्रेरक प्रसंग)

परिवार को सुसंस्कृत तथा उन्नतिशील बनाने में वृद्धजनों का महत्त्वपूर्ण स्थान है। उनके संचित अनुभवों से बहुत लाभ उठाया जा सकता है। प्राचीनकाल में गुरूजनों का बहुत आदर-सम्मान किया जाता था। भारतीय समाज में बड़ों के प्रति सम्मान तथा प्रणाम करने की प्रथा रही है।     प्रातःकाल उठि


23-May-2015
प्रेरक प्रसंग

सच्ची पारिवारिकता (प्रेरक प्रसंग)

तीन दिन से पत्नी और बच्चों को भोजन न मिला था। गृह स्वामी प्रयत्न करने पर भी एक समय का भोजन न जुटा सका अन्ततः वह निराश हो गया, उसे अपना जीवन बेकार लगने लगा। वह अपने घर से चला गया और आत्महत्या करने की तैयारी पर विचार करने लगा। कुछ ही क्षण के बाद वह व्यक्ति संसार से विदा होने को था। पीछे से क


21-May-2015
प्रेरक प्रसंग

‘होनहार बिरवान के होत चिकने पात’ (प्रेरक प्रसंग)

‘‘ओ बेटे - ‘‘कल तो तूने पांच रूपये मांगे थे, और आज फिर पांच रूपये मांग रहा है।’’ ‘‘हां पिता जी, वे सब खर्च हो गये। आज और दे दीजिये। अब चार दिन तक एक पैसा भी नहीं मागूंगा।’’ पिता ने फिर से पांच रूपये तो दे दिए, पर अपने एक वि


21-May-2015
प्रेरक प्रसंग

तेज रफ्तार में छूट न जाएं खूबसूरत पल (प्रेरक प्रसंग)

जनवरी की एक सर्द सुबह। अमेरिका के वाॅशिंगटन डीसी का मैट्रो स्टेशन। एक आदमी वहां करीब घंटा भर तक वायलिन बजाता रहा। इस दौरान लगभग 2000 लोग वहां से गुजरे, अधिकतर लोग अपने काम से जा रहे थे। उस व्यक्ति ने वायलिन बजाना शुरू किया। उसके तीन मिनट बाद एक अधेड आदमी का ध्यान उसकी तरफ गया। उसकी चाल धीमी हुई औ


21-May-2015
प्रेरक प्रसंग

महर्शि भृगु (प्रेरक प्रसंग)

चाक्षुष मन्वंतर में इनकी सप्तर्षियों में गणना होती है। इन्हें भी ब्रह्माजी के मानस पुत्र तथा प्रजापति का स्थान प्राप्त है। पत्नी का नाम ‘ख्याति’ जो दक्ष पुत्री हैं। इस दंपत्ति से तीन संतानें हुई। पुत्र थे ‘धाता’ और ‘विधाता’ और पुत्री थी ‘श्री’। भगवा


20-May-2015
प्रेरक प्रसंग

धरती का सूरज महाराणा प्रताप (प्रेरक प्रसंग)

वीर शासक एवं महान देशभक्त महाराणा प्रताप का नाम इतिहास में स्वर्ण अक्षरों से अंकित है। महाराणा प्रताप अपने युग के महान व्यक्ति थे। उनके गुणों के कारण सभी उनका सम्मान करते थे।ज्येष्ठ शुक्ल तीज सम्वत् (9 मई ) 1540 को मेवाड़ के राजा उदय सिंह के घर जन्मे उनके ज्येष्ठ पुत्र महाराणा प्रताप को बचपन से ह


18-May-2015
प्रेरक प्रसंग

श्रम को सलाम (प्रेरक प्रसंग)

महान सम्राट् नेपोलियन एक महिला मित्र के साथ घूमते हुए एक संकरे रास्ते से जा रहे थे। महिला उनसे कुछ कदम आगे चल रही थी। सामने से एक मजदूर भारी भार लादे आ रहा था। महिला को अपने कुल, धन व पद का गर्व था और उस वक्त तो सम्राट के साथ होने के कारण वह और गर्वीली हो रही थी। एक मजदूर को जरा हट कर वह रास्ता क