11-Aug-2015
लेख

जानिये क्या होती है शनि की साढ़ेसाती (लेख)

नव ग्रहो में शनि एक रहस्यमयी ग्रह देवता हैं ,जो सूर्य के पुत्र है। शनि ग्रह को शनि देवता का प्रतीक रूप माना जाता है। इसलिए शनि की उपासना के लिए शनि ग्रह के पूजन का विधान है।  आधुनिक विज्ञान के ज्ञान से लोग प्रश्न किया करते हैं कि शनि ग्रह के पूजन से शनिदेव किस प्रकार प्रसन्न हो सकते ह


06-Aug-2015
लेख

चेहरे पर खुशी की चमक (लेख)

मुस्कुराहट सिर्फ चेहरे के भाव को प्रदर्शित नहीं करती, बल्कि दिल के उस कोने के भी दर्शन कराती है, जहां ढेर सारी खुशियां छिपी होती हैं। जब हम हंसते हैं तो दिमाग में ऐसे हार्मोन का स्राव होता है, जो खुशी का अहसास कराने के साथ ही तनाव को भी कम करते हैं। इसलिए उन चीजों को तलाशें जो आपको खुश रखें। आप ज


03-Aug-2015
लेख

नाक से जुड़ी अनोखी बातें (लेख)

नाक को कहावतों में इज्जत और मान से भी जोड़कर देखा जाता है। लेकिन, हमारे चेहरे का नक्शा बनाती-बिगाड़ती इस नाक के बारे में आप कितना जानते हैं। चलिए हम आपको बताते हैं कुछ ऐसी बातें जो शायद आपने पहले न सुनी हों - एक ही चीज की अलग गंध फिंगरप्रिंट की तरह हमारी &rsqu


25-Jul-2015
लेख

जानेंए क्या है गुरु पूर्णिमा का महत्व (लेख)

गुरू को ब्रह्मा कहा गया है, गुरू अपने शिष्य को नया जन्म देता है, गुरू ही साक्षात महादेव है, क्योंकि वह अपने शिष्यों के सभी दोषों को माफ करता है, गुरू का महत्व सभी दृष्टि से सार्थक है, आध्यात्मिक शांति, धार्मिक ज्ञान और सांसारिक निर्वाह सभी के लिए गुरू का दिशा निर्देश बहुत महत्वपूर्ण होता है, गुरू


25-Jul-2015
लेख

विश्व का सबसे महंगा जमीन का सौदा (लेख)

विश्व में सबसे महंगा जमीन का सौदा सरहिंद में हुआ था, वह भी आज से 400 साल पहले! गुरु गोविन्द सिंह जी के दो छोटे साहिबजादे सरहिंद के नवाब ने जिंदा दीवार में चिनवा कर शहीद कर दिया था, क्योंकि उन्होंने इस्लाम धर्म अपनाने से मना कर दिया था। बाद में अन्तिम संस्कार के लिए जमीन देने के लिए इतनी कीमत रख द


23-Jul-2015
लेख

108 अंक से जुड़ी है हैरानी भरे तथ्य (लेख)

    हिन्दू धर्म में 108 अंक का अपना एक अलग महत्व है, रुद्राक्ष की माला में 108 मनके होते हैं। मंत्रों का जाप 108 बार किया जाता है, ईश्वर का नाम लेना हो तो उसे भी तभी शुभ और संपूर्ण माना जाता है। वैसे 108 अंक की प्रमुखता, उसकी महत्ता और प्रभाव ना सिर्फ हिन्दू धर्म में देखा जाता है ब


22-Jul-2015
लेख

पिता ही धर्म, स्वर्ग व सबसे बड़ा तप है (लेख)

पिता भरण-पोषण और अध्यापन करने के कारण पुत्र का प्रधान गुरु है। वह जो कुछ भी आज्ञा दे, उसे धर्म समझकर स्वीकार करना चाहिए। यही वेद की भी निश्चित आज्ञा है। पुत्र पिता के स्नेह का पात्र है। किंतु पिता पुत्र का सर्वस्व है। एक मात्र पिता ही पुत्र को शरीर आदि सब कुछ देता है, इसलिए कोई सोच-विचार किये बिन


18-Jul-2015
लेख

ईश्वर की सेवा का तात्त्पर्य सुविधाहीनों की सेवा (लेख)

    विवेकानंद के रूप में प्रसिद्व, नरेन्द्र दत्त, ने रामकृष्ण मिशन की स्थापना यथा संभव अधिक से अधिक लोगों को वेदांत के मूल्यों को साझा करने और फैलाने के लिए तथा गुणवतापूर्ण शिक्षा और स्वास्थ्य की देखभाल मिलने के लिए की थी।     स्वामी विवेकानंद ने धर्म को एक नया


16-Jul-2015
लेख

अपने बच्चों कोे कैसे बनाएं आत्मविश्वासी (लेख)

कई बार दुनिया की प्रतिस्पर्धा, आगे बढने की होड और उचित माहौल न मिल पाने की वजह से बच्चों में विश्वास की कमी आ जाती है और वह चिंतित महसूस करते हैं। साथ ही माता-पिता भी अपने बच्चों को शिक्षा में अव्वल देखना चाहते हैं लेकिन इन सब के बीच वह यह भूल जाते हैं कि सफल होने के लिए बच्चों का आत्मविश्वासी हो


10-Jul-2015
लेख

सफल नेतृत्व के ये होते है गुण (लेख)

अविचल साहस: यह साहस स्वयं के ज्ञान और अपने व्यवसाय के ज्ञान पर आधारित होता है। कोई भी अनुयायी नहीं चाहता कि उसके लीडर में आत्मविश्वास और साहस का अभाव हो। कोई भी बुद्धिमान अनुयायी ऐसे लीडर को लंबे समय तक नहीं झेल पाता। आत्म-नियंत्रण: वह आदमी जो खुद को नि