09-Jul-2015
लेख

महात्मा गान्धी जी का अनोखा संकल्प (लेख)

एक बार महात्मा गांधी जी बिहार के चम्पारन जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के दौरे पर थे। वहाँ उन्होंने मैले-कुचैले वस्त्रों में एक वृद्ध महिला को देखा तो उन्होंने उस वृद्व महिला को कहा , ‘‘माई, तुम्हारे वस्त्र कितने मैले हैं, तुम इन्हें क्यों नहीं बदलती।’’ गांधी जी की ये ब


06-Jul-2015
लेख

विश्वास की प्रतीक है वर्दी (लेख)

संत और पुलिस, दोनों ही, समाज-सुधार का काम करते हैं। फर्क केवल इतना है कि संत ’संकेत’ की भाषा में समझाते हैं, और पुलिस ’बेत’ की भाषा में। दरअसल, जो संत के संकेत को नहीं समझते हैं, उन्हें ही पुलिस के बेंत की जरूरत पड़ती है। पुलिस की वर्दी किसी संन्यासी के भगवा वस़्त्रों से क


06-Jul-2015
लेख

हस्ताक्षर बताते हैं आपका नजरिया (लेख)

कहते हैं आपके अक्षर आपकी छवि बनाते हैं। आपके व्यक्तित्व को दर्शाते हैं यानी आप जो लिख रहे हैं उसमें भी बहुत कुछ आपके व्यवहार, विचार और भविष्य की अनंत गहराइयां छिपी रहती हैं। आप किस तरह लिखते हैं ये बात बहुत मायने रखता है। दरअसल लिखने का संबंध हमारी सोच से होता है यानी हम जो सोचते हैं, करते हैं, ज


04-Jul-2015
लेख

ताकि घर को न लगे किसी की नज़र (लेख)

घर बनवाते समय कई बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है। उनमें से एक है वास्तु, अगर घर वास्तु अनुरूप बनवाया जाए तो घर में रहने वाले लोगों को किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं होती है। किसी भी भवन में कमरों की दिशाओं को इस तरह बनवाएं। पूजा कक्ष - ईशान कोण, स्नान घर-पूर्व रसोई घ


23-Jun-2015
लेख

जगन्नाथपुरी की रथ -यात्रा (लेख)

आषाढ़ शुक्ला द्वितीय को रथ-यात्रा का उत्सव मनाया जाता है। इस दिन पुष्य नक्षत्र में सुभद्रा सहित भगवान के रथ की सवारी निकलती है। यों तो भारतवर्ष में सर्वत्र यह उत्सव मनाया जाता है, पर इस दिन जगन्नाथपुरी में विशेष धूमधाम रहती है। इसका जगन्नाथपुरी से विशेष सम्बन्ध है। जगन्नाथपुरी उड़ीसा प्रान


12-Jun-2015
लेख

इच्छाशक्ति किस प्रकार कार्य करती है? (लेख)

इस संसार में जिस किसी ने जो कुछ प्राप्त किया, वह प्रबल इच्छाशक्ति के आधार पर प्राप्त किया है । मनुष्य जिस प्रकार की इच्छा करता है, वैसी ही परिस्थितियाँ उसके निकट एकत्रित होने लगती हैं । इच्छा एक प्रकार की चुंबकीय शक्ति है, जिसके आकषर्ण से अनुकूल परिस्थितियाँ खिंची चली आती है । जहाँ इच्छा नहीं, वह


05-Jun-2015
लेख

इन्सान में इन्सानियत प्रकट करने का कार्य (लेख)

जीवन में कभी-कभी हम अपने लोगों से मिलते है, बैठते है और किसी विषय बिन्दु पर वार्तालाप चल पड़ता है कोई बात कहने में काफी समय लग जाता है, लेकिन अगर आपके पास कोई ऐसा दोहा या कविता की पंक्तियां हो तो आप अपने मन में भावों कोे दोहे की दो पंक्तियों में कह कर अपना मन्तव्य उजागर कर सकते है और आपके सामने आ


03-Jun-2015
लेख

प्यार बढ़ाओ सबके साथ (लेख)

एक होटल में किशोर वय भोला-भाला और ईमानदार लड़का शीशे का गिलास धो रहा था। संयोग से एक गिलास उसके हाथ से फिसल कर जमीन पर गिर कर टूट गया। मालिक यह देखते ही तमतमाता हुआ उसके पास आया और उसके गालों पर तड़ातड़ तमाचे जड़ दिये। लड़का कुछ बोलता, उससे पहले ही मालिक ने उसका कान उमेठा और धकेलते हुए होटल से बा


22-May-2015
लेख

मन एवं विचार (लेख)

परम शक्ति परमात्मा,  सदा हमारे साथ। वही सुखी सम्पन्न है,  बिरला जाने बात।। एक किवदन्ती कहती है -’विनाश काले विपरीत बुद्धि’। जब आदमी का विनाश का समय आता है तो उसकी बुद्धि उल्टी हो जाती है। वो अविवेकपूर्ण निर्णय लेने लगता है। पहले मन अस्वस्थ्य होता


21-May-2015
लेख

कलम का जादूगर - रामवृक्ष बेनीपुरी (लेख)

जन्म-परिचय: रामवृक्ष बेनीपुरी का जन्म सन् 1899 में ग्राम बेनीपुर, जिला मुजफ्फरपुर (बिहार) में हुआ। उनके माता-पिता की मृत्यु बचपन में ही हो जाने के कारण उनके जीवन के आरंभिक वर्ष अभावों -कठिनाइयों तथा संघर्षों में बीत गए। दसवीं तक की शिक्षा ग्रहण करने के पश्चात् से सन् 1920 में राष्ट्रीय स्वाधीनता