ंशरीर बोझ है यदि बीमार है, मन बोझ है अगर उसे ज्ञान नहीं है। ’मैं शरीर हूँ’ इस अज्ञान के साथ जब हम जीते हैं तब वास्तव में नरक में ही जी रहे हैं। असली ’मैं’ को न जानने की वजह से और इसके प्रति जाग्रत न होने के कारण हमंे ऐसे लगता है कि शरीर के साथ होने वाली हर चीज मेरे साथ हो
पशुओं से मनुष्यों में फैलने वाले रोगों को गम्भीरता से लेना चाहिए। पशुओं में 250 से अधिक ऐसे रोग हैं, जो हवा-पानी के जरिये या रोगग्रस्त पशुओं के संपर्क में आने या उनसे जुड़े उत्पाद उपयोग में लेने से मनुष्यों में तीव्रता से फैलते हैं। पशुपालन प्रशिक्षण संस्थान के उपनिदेशक डाॅ. राकेश पो
मई, 1976 सिरोही जिले के पिण्डवाड़ा में भयंकर बस-ट्रक दुर्घटना। ”खबर मिलते ही ’मन’ विचलित हो उठा। मैं तत्क्षण निकल पड़ा छुट्टी लेकर दुर्घटना स्थल पर। मेरी कल्पना से ज्यादा स्थिति भयानक थी। तब तक रोगियों को पिण्डवाड़ा के छोटे अस्पताल में लाया जा चुका था।“ कहाँ पलंग ? कहाँ बि
1.अपनी गलती स्वीकार करें। 2.आज का झगड़ा कल तक न चलायें। 3.क्रोध में किसी की कमियां न बतायें। 4.क्षमा करने व भूलने की क्षमता रखें। व्यक्तित्व में सुधार कैसे करें ? 1.जितने अच्छे हम आज हैं भविष्य में उससे अधिक अच्छे बन सकते है। 2.खुद पर समय व्यतीत करें।
विश्व का सबसे विशाल मंदिर अंकोरवाट उत्तर-पश्चिमी कम्बोडिया के अंकोर शहर में है। अब इस मंदिर को अंकोरवाट और कम्बोडिया को कम्पूचिया कहते हैं। इस मंदिर का निर्माण खमेर राजा सूर्यवर्मन द्वितीय ने बारहवीं शताब्दी के शुरू में कराया था। सूर्यवर्मन द्वितीय का शासनकाल सन् 1113 से 1150 तक रहा। इस मं
अपना समय बदलने की मन्नत पूरी होने पर एक भक्त ने करीब 14 साल पहले सगस बाऊजी का देवरा में एक घड़ी चढ़ाई थी। उसके बाद से हर साल वहां हजारों भक्त पहुंचने लगे और काम बनने पर घड़ी भेंट करने का सिलसिला चल पड़ा। हालत यह है कि चढ़ावे में आई घडि़यों का यहां अंबार लग गया है। यह स्थान अब घड़ी वाले बाव
विवाह संस्कार घर की बेटी (बहन, बुआ और भतीजी) के बिना संपन्न नहीं हो सकता है। इसलिए उनकी उपस्थिति आवश्यक बताई गई है। बहन बेटी ही सुवासिनी कहलाती है। बहन या बुआ को लेने भाई भतीजे जाते हैं। भाई अपनी बहिन को साड़ी ओढ़ाकर लाता है और तभी मांगलिक कार्यक्रमोें की शुरुआत होती है।  
हमारे जीवन की विडम्बना यही है कि हम शारीरिक रूप से तो जागते रहते हैं, लेकिन चेतना के स्तर पर उसी तरह सोए रहते हैं, जैसे कि शकुन्तला सो गई थी। जागते हुए जब जागने का एहसास हो, तो यह सजग होने की पहली सीढ़ी है। उठने के साथ ही तो हमें एहसास हो जाता है कि हम जग गए। लेकिन इसके कुछ मिनट बाद ही यह एहसास त
पीडित मानवता की सेवा बिना भेदभाव के करते रहने का विचार देने वाले तथा रेडक्रॉस अभियान को जन्म देने वाले महान मानवता प्रेमी जीन हेनरी डयूनेन्ट का जन्म 8 मई 1828 में हुआ था। उनके जन्म दिवस 8 मई को विश्व रेडक्रॉस दिवस के रूप में पूरे विश्व में मनाया जाता है। उन्होंने समाज सेवा के क्षेत्र में उल्लेखनी
गिरिजाकुमार माथुर आधुनिक हिन्दी साहित्य के उच्चकोटि के कवि माने जाते हैं। वे रोमानी भावबोध के कवि हैं। उन्होंने अपने काव्य में कठिन यथार्थ का रू-ब-रू चित्रण कर जीवन के प्रति गहरी संभावना व्यक्त की है।के कवि माने जाते हैं। वे रोमानी भावबोध के कवि हैं। उन्होंने अपने काव्य में कठिन यथार्थ का रू-ब-रू