ब्रजभूमि में जन्माष्टमी महोत्सव

Posted on 05-Sep-2015 03:15 PM




ब्रजभूमि महोत्सव अनूठा व आश्चर्यजनक होता है। सबसे पवित्रतम स्थान तो मथुरा को ही माना जाता है, और मथुरा में भी एक सुन्दर मन्दिर को जिसमें ऐसा विश्वास है कि यही वह स्थान है, जहाँ पर श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था। ऐसा अनुमान है कि सात लाख लोगों से भी अधिक श्रद्धालु मथुरा व आस-पास के इलाक़ों से इस स्थान पर पूजा-अर्चना के लिए आते हैं।

कृष्ण जन्मभूमि मन्दिर
यह मन्दिर भक्तों का मुख्य आकर्षण केन्द्र है।
सैकड़ों भक्तगण ओजस्वी प्रवचनों को क्लोज़ सर्किट व टी.वी. की सहायता से मन्दिर के प्रत्येक कोने से देख व सुन सकते हैं।
कई लोग तो दिन से ही मन्दिर में डेरा डाल लेते हैं, ताकि मध्यरात्रि के जन्म समारोह को देख सकें।
अर्धरात्रि होती है, सभी श्रद्धालु उच्च स्वर में बोलते हैं -श्रीकृष्ण भगवान की जय।
छोटी सी मूर्ति श्वेत वस्त्र से ढंककर ऊँचे स्थान पर रख दी जाती है, ताकि सभी भक्तगण दर्शन कर सकें।
दही-हांडी समारोह
इसमें एक मिट्टी के बर्तन में दही, मक्खन, शहद, फल इत्यादि रख दिए जाते हैं। इस बर्तन को धरती से 30-40 फुट ऊपर टाँग दिया जाता है। युवा लड़के-लड़कियाँ इस पुरस्कार को पाने के लिए समारोह में हिस्सा लेते हैं। ऐसा करने के लिए युवा पुरुष एक-दूसरे के कन्धे पर चढ़कर पिरामिड सा बना लेते हैं। जिससे एक व्यक्ति आसानी से उस बर्तन को तोड़कर उसमें रखी सामग्री को प्राप्त कर लेता है। प्रायः रुपयों की लड़ी रस्से से बाँधी जाती है। इसी रस्से से वह बर्तन भी बाँधा जाता है। इस धनराशि को उन सभी सहयोगियों में बाँट दिया जाता है, जो उस मानव पिरामिड में भाग लेते हैं।


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