घर के मंदिर में रखें इन बातों का ध्यान

Posted on 25-Sep-2015 05:06 PM




पूजा स्थल की स्थापना उत्तर पूर्व दिशा में ही करनी चाहिए। साथ ही पूजा करते समय हमारा मुख ईशान कोण में हो इसका भी ध्यान रखना चाहिए।
मंदिर तक पहुंचे रौशनी और हवा- घर का मंदिर ऐसी जगह पर बनाएं जहां सूर्य की रौशनी और ताजी हवा जरुर आती हो। इससे घर की नेगेटिव एनर्जी खत्म होती है उत्तर पूर्व दिशा में ही करनी चाहिए। साथ ही पूजा करते समय हमारा मुख ईशान कोण में हो इसका भी ध्यान रखना चाहिए।
मंदिर तक पहुंचे रौशनी और हवा- घर का मंदिर ऐसी जगह पर बनाएं जहां सूर्य की रौशनी और ताजी हवा जरुर आती हो। इससे घर की नेगेटिव एनर्जी खत्म होती है और पॉजिटिव एनर्जी का संचार होता है। साथ ही घर के दोष भी दूर होते हैं।
छोटी मूर्तियां रखें- मंदिर में रखी मूर्तियां छोटी और कम वजनी ही बेहतर होती है। साथ ही पूजा स्थल पर बीच में भगवान गणेश की तस्वीर या मूर्ति जरूर होनी चाहिए। इसके अलावा देवताओं की दृष्टि एक दूसरे पर नहीं पड़नी चाहिए। अगर कोई मूर्ति खंडित या क्षतिग्रस्त हो जाए तो उसे तुरंत मंदिर से हटाकर बहते जल में प्रवाहित कर देना चाहिए।
मृतात्मा या पूर्वजों की फोटो पूजा घर में देवताओं के साथ नहीं लगाने चाहिए। पूर्वज हमारे श्रद्धेय हैं, पूजनीय हैं। लेकिन हम उन्हें ईश्वर मानकर उनकी पूजा नहीं कर सकते।
बहुत से घरों में रसोई घर में पूजा का स्थान बना लेते हैं जो गलत है। घर के सभी लोग अतृप्त और दुखी रहेंगे क्योंकि भगवान भाव व सुगंध के भूखे हैं। रसोई घर में कई तरह का खाना बनता है- सात्विक भी और तामसिक भी। लिहाजा ऐसे पर पूजा स्थल नहीं होना चाहिए।


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