कलम का जादूगर - रामवृक्ष बेनीपुरी

Posted on 21-May-2015 12:14 PM




जन्म-परिचय: रामवृक्ष बेनीपुरी का जन्म सन् 1899 में ग्राम बेनीपुर, जिला मुजफ्फरपुर (बिहार) में हुआ। उनके माता-पिता की मृत्यु बचपन में ही हो जाने के कारण उनके जीवन के आरंभिक वर्ष अभावों -कठिनाइयों तथा संघर्षों में बीत गए। दसवीं तक की शिक्षा ग्रहण करने के पश्चात् से सन् 1920 में राष्ट्रीय स्वाधीनता आंदोलन में सक्रिय प्रतिभागी के रूप में जुड़ गए। वे अनेक बार जेल भी गए।
निधन: सन् 1968 में उनका देहांत हो गया।
प्रमुख रचनाएं: 15 साल की छोटी-सी उम्र में बेनीपुरी जी की रचनाएं पत्र-पत्रिकाओं में छपने लगीं। वे अत्यधिक प्रतिभाशाली पत्रकार (संवाद्दाता) थे। उन्होंने अनेक तरह की दैनिक, साप्ताहिक तथा मासिक पत्र-पत्रिकाओं का सफल संपादन किया, जिनमें किसान मित्र, तरूण भारत, युवक, बालक, जनता , योगी, जनवाणी और नई धारा आदि उल्लेखनीय हैं।
    गद्य की विविध विधाओं में उनके लेखन को बड़ी व्यापक प्रतिष्ठा मिली। उनका संपूर्ण साहित्य ‘बेनीपुरी रचनावली’ के आठ खण्डों में प्रकाशित है। बेनीपुरी जी की रचना-यात्रा के महत्वपूर्ण पडाव हैं - चिंता के फूल (कहानी), जंजीरें और दीवारें (संस्मरण), माटी की मूरतें (रेखाचित्र) पतितों के देश में (उपन्यास), पैरों में पंख बाँधकर (यात्रा-वृतांत) आदि।
साहित्यिक विशेषताएँ: बेनीपुरी जी की रचनाओं में स्वाधीनता की नई चेतना, मनुष्यता की चिंता तथा इतिहास की युगानुरूप व्याख्या है।


Leave a Comment:

Login to write comments.