Posted on 08-Aug-2016 02:01 PM
 
    सड़क पर कहीं सर्दी में ठिठुरते हुए एक निर्धन, दीन, वृद्ध के पास से एक व्यक्ति गुजर रहा था जिसने वृद्ध की सहायता के लिए अपनी जेबें टटोली, लेकिन कुछ हाथ नहीं आया। उस व्यक्ति ने प्रभु को पुकार कर प्रार्थना की। “प्रभो, सर्दी में ठिठुरते हुए इस गरीब बूढ़े को एकाध पैसा भी देने में मैं असमर्थ हूँ। उसे तेरी करूणा की आवश्यकता है।” उसे पादचारी की प्रार्थना क्या सेवा कार्य नहीं है ? यह असंभव है कि उसकी प्रार्थना अनसुनी रहेगी।