इसलिए कहते हैं विघ्न विनाशक

Posted on 21-Jul-2016 01:37 PM




कोई भी शुभ कार्य की शुरूआत हो, तो हिंदू धर्म के अनुयायी भगवान श्रीगणेश की पूजा सर्वप्रथम करते हैं, भगवान श्रीगणेश बुद्धि के देवता हैं। जीवन के हर क्षेत्र में गणपति विराजमान हैं। शास्त्रों में कहा गया है कि गणपति सब देवताओं में अग्रणी हैं, गणेशजी अपने आपमें संपूर्ण वास्तु हैं। इसलिए गणेशजी को विध्नविनाशक कहा जाता है। उनके शरीर का हर हिस्सा किसी न किसी ग्रह के दोष को दूर करता है। हमारे पुराणों में कहा गया है कि हमें श्वेत गणपति की पूजा करनी चाहिए, इससे जीवन में भौतिक सुख एवं समृद्धि का प्रवाह होता है। मूषक जासूसी से सूचनाएँ एकत्र करने का प्रतीक है। यह राहु के दोष को भी दूर करता है। भगवान गणेशजी के हाथी जैसे मुख की अलग ही मान्यता है। गणेश का गजमुख बुद्धि का अंकुश, नियंत्रण, अराजक तत्वों पर लगाम लगाने का प्रतीक माना जाता है। ऐसे देवाधिदेव श्रीगणेश की हम सही मंत्रोच्चार द्वारा पूजा- अर्चना कर हमारे घर के वास्तु दोष को दूर करके सुखी, संपन्न जीवन पा सकते हैं।


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