हमारी आज़ादी का जश्न - स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त)

Posted on 14-Aug-2015 05:04 PM




यह एक देश भक्ति से भरा हुआ हृदय था, जिसमें आज़ादी के लिए प्यार और हमारी प्यारी
मातृभूमि के लिए अमर समर्पण था, जो 200 साल तक अँग्रेज़ों के राज के अधीन रहने पर भी बना रहा
और हमें अँग्रेज़ों से आज़ादी मिली। 15 अगस्त 1947, वह दिन था जब भारत को ब्रिटिश राज से आज़ादी
मिली और इस प्रकार एक नए युग की शुरूआत हुई जब भारत मुक्त राष्ट्र के रूप में उठा। स्वतंत्रता
दिवस के दिन दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र, भारत के जन्म का आयोजन किया जाता है, और
भारतीय इतिहास में इस दिन का अत्यंत महत्व है। भारतीय स्वतंत्रता के संघर्ष में अनेक अध्याय जुड़े हैं जो
1857 की क्रांति से लेकर जलियाँवाला बाग नरसंहार, असहयोग आंदोलन से लेकर नमक सत्याग्रह तक
अनेक हैं। भारत ने एक लंबी यात्रा तय की है जिसमें अनेक राष्ट्रीय और क्षेत्रीय अभियान हुए और
इसमें उपयोग किए गए दो प्रमुख सस्त्र थे सत्य और अहिंसा। हमारी स्वतंत्रता के संघर्ष में भारत के
राजनैतिक संगठनों के व्यापक रंग, उनकी दर्शन धारा और आंदोलन शामिल हैं जो एक महान कारण के
लिए एक साथ मिलकर चले और एक स्वतंत्र राष्ट्र का जन्म हुआ। यह दिन हमारी आज़ादी का जश्न मनाने और उन सभी शहीदों को श्रद्धांजलि देने का अवसर जिन्होंने इस महान कारण के लिए अपने जीवन का बलिदान कर दिया। स्वतंत्रता दिवस
पर प्रत्येक भारतीय के मन में राष्ट्रीयता, भाई-चारे और निष्ठा की भावना भर जाती है।
स्वतंत्रता दिवस को पूरी निष्ठा, गहरे समर्पण और अपार देश भक्ति के साथ पूरे देश में मनाया जाता है।
दिल्ली में प्रधानमंत्री लाल किले पर तिरंगा झंडा फहराते हैं और इसके बाद राष्ट्र गान गाया
जाता है। वे राष्ट्र को संबोधित भी करते हैं और पिछले एक वर्ष के दौरान देश की उपलब्धियों पर
प्रकाश डालते हैं, तथा आगे आने वाले समय के लिए विकास का आह्वान करते हैं। इसके साथ वे आज़ादी
के संघर्ष में शहीद हुए देशभक्तों को श्रद्धांजलि देते हैं, और आज़ादी की लड़ाई में उनके योगदान
पर अभिवादन करते हैं। एक अत्यंत रोचक गतिविधि जो स्वतंत्रता दिवस के साथ जुड़ी हुई है, वह है
पतंग उड़ाना, जिसे आज़ादी और स्वतंत्रता का संकेत कहा जाता है। साभार - राष्ट्रीय पोर्टल 


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