कार्य को मन से करें

Posted on 29-Apr-2015 12:29 PM




हम सभी काम तो करते हैं, लेकिन ज़्यादातर लोगों का अपने-अपने कामों में मन नहीं लगता। ज़्यादातर लोग यही सोचते हैं कि यदि वह काम मिल जाये तो हम ज़्यादा अच्छे तरीके से कर सकेंगे। जिन्हें वह काम मिल भी जाता है, तो फिर से वह यही सोचना शुरू कर देते हैं। इस सोचने का कोई अंत नहीं होता।
कहा गया है कि ’जैसी होगी भावना वैसे ही होंगे काम’ जब हम किसी भी काम से एक बड़ी भावना के साथ पूरी गहराई से जुड़ जाते हैं, तो उस काम के होने का अंदाज़ अपने आप बदल जाता है। ऐसा नहीं है कि हम उसे करने के लिए कोई अलग से मेहनत कर रहे हैं, लेकिन कुदरतन कुछ ऐसा हो जाता है कि उस काम की गुणवत्ता अपने आप दूसरों के काम से अच्छी हो जाती है।


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