कैसे व्यवहार करे रिष्तेदारों से

Posted on 23-May-2015 02:43 PM




दुनिया अच्छे-बुरे दोनों तरह के लोगों से बनी है। न चाहते हुए भी हममें से हर परिवार में ऐसे कुछ रिश्तेदार होते हैं जो थोड़े काॅम्पलिकेटेड या कहें त्रिटिकल होते है। उनका यह स्वभाव कई बार लोगों को फ्रस्टेट और अपसेट तक कर देता है। पर हम चाहें तो ऐसे रिश्तेदारों को आसानी से हैंडल भी कर सकते हैं वो भी बिना ज्यादा दिक्कत के। यूं भी रिश्तेदारों को अलग तरीके से थोड़ा सा हैंडल किया जा सकता है। अगर हमारे परिवार में ऐसा कोई सदस्य है जो हमारी हर बात में बहुत ज्यादा जजमेंटल हो जाता है या फिर हमें हर बात पर कुछ न कुछ काउंटर करता रहता है तो ऐसे रिश्तेदार या परिवार के सदस्य से हम जितना हो सके दूर रहें। अगर हम उनके जजमेंट पर रिस्पाॅन्स करने लगें तो हो सकता है, छोटी सी बात बढ़ भी जाए। इसलिए अगर हमारा बहुत बड़ा संयुक्त परिवार है तो रिश्तों को संभालने के लिए ऐसे सदस्यों और रिश्तेदारों को इग्नोर करना सबसे ज्यादा बेहतर रहेगा। 

सदस्य है जो हमारी हर बात में बहुत ज्यादा जजमेंटल हो जाता है या फिर हमें हर बात पर कुछ न कुछ काउंटर करता रहता है तो ऐसे रिश्तेदार या परिवार के सदस्य से हम जितना हो सके दूर रहें। अगर हम उनके जजमेंट पर रिस्पाॅन्स करने लगें तो हो सकता है, छोटी सी बात बढ़ भी जाए। इसलिए अगर हमारा बहुत बड़ा संयुक्त परिवार है तो रिश्तों को संभालने के लिए ऐसे सदस्यों और रिश्तेदारों को इग्नोर करना सबसे ज्यादा बेहतर रहेगा।ज्यादा बेहतर रहेगा।
यह तो हमंे पता ही है कि पांचों उंगलियां बराबर कभी नहीं हो सकती है। इसी तरह हर इंसान का मूड भी अलग-अलग ही होता है। इसलिए जब कभी रिश्तों में तनाव हो ‘तो हमारे दिल में क्षमा करने का भाव हमेशा मौजूद रहे।
निश्चित समय में बात करें
परिवार का कोई सदस्य अगर हमेशा हर बात पर त्रिटिकली बात करता है तो हमें चाहिए कि हम समय निकालकर उनसे उनके इस व्यवहार के बारे में बात करें कि आखिर वो ऐसा क्यों और उनके रिएक्शन समझ में आ सकते हैं। कई बार केयरिंग नेचर वाले भी बहुत ज्यादा त्रिटिकल हो जाते हैं।
दूर करें उनके विचारों को
दिमाग से उनके जजमेंटल नेचर को उनके कमेंट को कभी भी हम जगह न दें। यह हमारे लिए ज्यादा सही रहेगा। हम जितनी उनकी बातों पर ध्यान देंगे, जितना उस बारे में सोचेंगे हम खुद को उतना ही परेशान करेंगे। इसलिए परिवार में हंसी-खुशी रहना है तो इन ऐसे सदस्यों की बातों पर ध्यान न ही दें तो अच्छा रहेगा।
अपनी भावनाओं को जाहिर करें
अगर हम अपने परिवार के सदस्यों की बात से लगातार हर्ट हो रहे हैं या फिर हम दुखी और तनाव महसूस कर रहे हैं तो उस बारे में हमारे परिवार के सदस्यों से खुलकर बात करिए। कई बार लोगों को यह पता ही नहीं होता है कि वो सामने वाले को क्या कह रहे हैं, उस बात से उसके ऊपर क्या असर हो रहा है। इसलिए यह बेहद जरूरी व महत्वपूर्ण है कि हम उनसे अपनी भावनाएं हमे शेयर करें क्या पता हमारी बातों से हमारे परिवार के सदस्यों के व्यवहार में कोई सकारात्मक बदलाव आ ही जाए।


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