इच्छा शक्ति किस प्रकार कार्य करती है?

Posted on 25-Jun-2016 10:52 AM




इस संसार में जिस किसी ने जो कुछ प्राप्त किया, वह प्रबल इच्छाशक्ति के आधार पर प्राप्त किया है । मनुष्य जिस प्रकार की इच्छा करता है, वैसी ही परिस्थितियाँ उसके निकट एकत्रित होने लगती हैं । इच्छा एक प्रकार की चुंबकीय शक्ति है, जिसके आकषर्ण से अनुकूल परिस्थितियाँ खिंची चली आती है । जहाँ इच्छा नहीं, वहाँ कितने ही अनुकूल साधन मौजूद हों, पर महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त नहीं होती मन में जो इच्छा प्रधान रूप में काम करती है, उसे पूरा करने के लिए शरीर की समस्त शक्तियाँ काम करने लगती हैं । निर्णय शक्ति, निरीक्षण शक्ति, अन्वेषण शक्ति आकषर्ण शक्ति, चिंता शक्ति, कल्पना शक्ति आदि मस्तिष्क की अनेक शक्तियाँ उसी दिशा में अपना प्रयत्न आरंभ कर देती हैं । यह शक्तियाँ जब सुप्त अवस्था में पड़ी होती हैं यहा विभिन्न दिशाओं में बिखरी रहती हैं, मनुष्य की स्थिति अस्त-व्यस्त एवं नगण्य होती है, परन्तु जब वे सब शक्तियाँ एक ही दिशा में काम करना प्रारम्भ कर देती हैं तो एक जीवित चुंबक पत्थर को कूडे-कचरे में भी फिराया जाए तो धातुओं के जो टुकड़े इधर-उधर बिखर रहे होंगे, वे सब उससे चिपक जाएँगे । इसी प्रकार विशिष्ट आकांक्षाएँ मन में धारण किए हुए व्यक्ति अपनी आकषर्ण शक्ति से उन सब तत्त्वों को ढूँढ़ता और प्राप्त करता रहता है जो लघुकणों के रूप में जहाँ तहाँ बिखरे पड़े होते हैं और अपने अभीष्ट लक्ष्य की और द्रुतगति से बढ़ता जाता है । यह उसकी इच्छाशक्ति का ही चमत्कार होता है।


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