च्युइंगम चबाते रहना हानिकारक होता है

Posted on 04-Dec-2015 02:45 PM




आजकल च्युइंगम का निर्माण ’गुडा सिपैक’ नामक प्रजाति के वृक्षों व लताओं के कच्चे गौंद, सुगंध हेतु, पेपासीन जैसी चीज, चीनी तथा अन्य पदार्थों को निर्धारित अनुपात में मिलाकर किया जाता है और वांछित आकारों में मशीनों से काटकर इन्हें पैक किया जाता है। चाॅकलेट की तरह यह जल्दी मुंह में नहीं घुलती, बल्कि इसे घंटों तक चबा-चबाकर और फुग्गे बनाकर आनंद लिया जाता है। शुगर फ्री च्युइंगम अधिक लाभकारी - चीनीयुक्त च्युइंगम चबाना दांतों के लिए नुकसानदेह हो सकता है। इसलिए शुगर फ्री च्युइंगम का इस्तेमाल करना चाहिए।

चीनी के एक विकल्प जाइलिटाॅल से बनी च्युइंगम चबाने से दांतों को नुकसान नहीं होता, क्योंकि इससे मुंह में बनने वाले लार को उत्तेजना मिलती है और लार में मौजूद रसायन दांतों को नुकसान पहुंचाने वाले अम्ल के प्रभाव को नश्ट कर देते हैं। अनेक गुण हैं च्युइंगम में - कुछ लोग दांतों और मसूड़ों के व्यायाम के लिए भी च्युइंगम चबाते हैं। इससे दांतों की सड़न और गढ्ढे होने का खतरा भी कम हो जाता है।

कुछ लोग गले में तरावट लाने, प्यास रोकने, थकावट दूर करने, एकागता बढ़ाने, तनाव दूर करने, खेलते समय स्फूर्ति पाने के लिए, उलझनों की स्थिति में, सांसों में मोहक सुगंध लाने के लिए च्युइंगम चबाते हैं, तो कोई समय काटने के लिए भी इसका प्रयोग करता है। इसके अलावा च्युइंगम एसिडीटी की समस्या में भी लाभकारी है। अतः कभी - कभी च्युइंगम चबाना हानिकारक नहीं है।


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