सेहत के लिए फायदेमंद फल

Posted on 28-Apr-2015 10:56 AM




जामुनः 
1.    जामुन का फल खाने से दिल की धड़कन सामान्य होती है। रक्त विकार दूर होते हैं। फोड़े फुन्सियों का निकलना बन्द होता है। यह पित्त के अतिसार को नष्ट करता है। आवाज साफ करता है। थकावट, कफ, दस्त, दमा खाँसी, मुँह की ग्लानी, गले की बिमारियों और मेदे के कीड़ों को नष्ट करता है। इसके परबत से बमन, जी मिचलाना, खूनी दस्त और बवासिर में लाभ होता है।
अमरूदः
1.    सूर्योदय के पूर्व ही सवेरे हर कच्चे अमरूद को पत्थर पर घिस कर जहाँ दर्द होता है वहाँ लेप करने से सिर दर्द नहीं होगा।
2.     3-4 पत्तों को चबाने या पत्तों के काढ़े में फिटकरी मिला कर कुल्ला करने से दाँत की पीड़ा दूर होती है।
धनिया:
1.    5-10 ग्राम धनिये के बीजों को दिन में दो तीन बार चबाने से गले की पीड़ा समाप्त होती है।2.    आँवला और धनिये को समभाग रातभर पानी में भिगों कर प्रातः काल घोट छान कर मिश्री मिला कर पीने से गरमी में होने वाला सर दर्द मिटता है।
अनार:
1.    ताजे पत्ते 20 ग्राम लेकर 400 ग्राम पानी में उबालें। जब 100 ग्राम रह जाए तो गरम दूध में मिला कर पीने से शारीरिक व मानसिक थकावट तथा अनिन्द्रा रोग मिटता है।
2.    उत्तम पके हुये अनार का रस 10 ग्राम से सम भाग भुना हुआ जीरा और मिला कर दिन में दो या तीन बार लेने से हर प्रकार का अजीर्ण शीघ्र नष्ट होता है।
बबूल: 
1.    बबूल की फली का छिलका और बादाम के छिलके की राख में नमक मिलाकर मन्जन करने से दाँत की पीड़ा मिटती है।
2.    बबूल की नरम टहनियों की दातुन करने से दाँत निरोग रहते हैं।बरगद (बड़):
1.    कान में यदि फुन्सी हो या कीड़े पड़ गये हों तो इसके दूध की कुछ बूँदें सरसों के तेल में मिलाकर डालने से ही कीड़े और फुन्सी मिट जाती है।
2.    इसके पत्तों की 20-25 ग्राम राख को अलसी के तेल में मिला कर मलते रहने से सिर के बाल उग आते हैं।
बेल (बिल्ल फल)ः
1.    बिल्व फल के पके फल मंदाग्नि और ज्वर से लाभदायक है।2.    यदि छाती में जलन हो तो बेल पत्रों को पानी के साथ पीस कर 20 ग्राम में थोड़ी मिश्री मिलाकर दिन में तीन चार बार पिलाने से जलन दूर होगी।
चम्मेली: 
1.    चमेली के पत्ते चबाने से मुँह के छाले समाप्त हो जाते हैं।
2.    कान में यदि शूल हो, पवि निकलती हो, तब चमेली के 20 ग्राम पत्रों को 100 ग्राम तिल्ली के तेल में उबाल कर तेल को एक एक बून्द डालने से पीव बहना बन्द हो जाता है।
बड़ी इलाइची:
1.    इलाइची पीसकर मस्तक पर लेप करने से तथा बीजों को पीस कर सूंघने से सिरदर्द में आराम मिलता है।
2.    इलाइची पीसकर शहद में मिलाकर लगाने से मुँह के छाले मिट जाते हैं।


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