चीनी (शक्कर) का ज्यादा प्रयोग है हानिकारक

Posted on 27-Apr-2015 01:41 PM




शरीर में चीनी की मात्रा आवश्यकता से अधिक बढ़ जाने पर जठर और आँतों में अम्लता के कारण दाह, सूजन, सड़न और व्रण होते हैं; मेद, मधुमेह और संधिवात सदृश रोगों का उपद्रव होता हैै, शरीर रोगों का घर बन जाता है। चीनी के पानी का अधिक मात्रा में सेवन किया जाए तो वह दाहक बनता है। जठर में अधिक चीनी चले जाने पर जठर की आंतरत्वचा का दाह होता है।

परिणामस्वरूप अत्यधिक श्लेष्म और आम्लिक पाचक रसों का óाव होता है। चीनी से जठर में विपाक होने के कारण भी दर्द होता है। चीनी से बच्चों के दाँत निश्चित रूप से खराब होते हैं। मुख्यतः टाॅफी और चाॅकलेट छोटे बच्चों के दाँत खराब करती हैं। चाॅकलेट में 45 प्रतिशत और टाॅफी में 90 प्रतिशत चीनी होती है। मधुमेह के रोगी के लिए गुड़-शक्कर निरर्थक है। जोड़ों के सूजनवाले रोगी के लिए भी वह पथ्य नहीं है।

वैज्ञानिक मतानुसार कार्बोहाइड्रेट पदार्थ जितने अधिक खाए जाएँ उस अनुपात में विटामिन बी1 की अधिक जरूरत पड़ती है। उसकी अपर्याप्त मात्रा के परिणामस्वरूप भूख का नाश, पाचन में विलंब, बंधकोश, स्तन्य में उसकी कमी से बाल-विकास में विलंब, मनरोदौर्बल्य, जोश और वजन में कमी एवं थकान आदि तकलीफें होती है।


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