शाकाहार और हम

Posted on 12-Sep-2015 04:39 PM




शाकाहार और हम

किसी भी हिन्दू का शाकाहारी होना आवश्यक है, क्योकि शाकाहार का गुणगान किया जाता है। शाकाहार को सात्विक आहार माना जाता है। आवश्यकता से अधिक तला भुना शाकाहार ग्रहण करना भी राजसिक माना गया है। मांसाहार को इसलिये अच्छा नहीं माना जाता, क्योंकि मांस पशुओं की हत्या से मिलता है, अतः तामसिक पदार्थ है।

वैदिक काल में पशुओं का मांस खाने की अनुमति नहीं थी, एक सर्वेक्षण के अनुसार आजकल लगभग 70 प्रतिशत हिन्दू, अधिकतर ब्राह्मण व गुजराती हिन्दू पारम्परिक रूप से शाकाहारी हैं। हिन्दू मन्दिरों में पशुबलि चढ़ती थी, पर आजकल यह प्रथा हिन्दुओं द्वारा ही निन्दित किये जाने से समाप्त प्रायः है।


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