गले के रोग होने पर करें ये घरेलू उपचार

Posted on 28-Jul-2016 12:40 PM




हकलाना, तुतलाना - बच्चों का हकलाना, आँवला चबाने से ठीक हो जाता है, जीभ पतली होकर आवाज साफ आने लगती है, एक चम्मच पिसा हुआ आँवला घी में मिलाकर नित्य चाटतें रहे। तुतलाना ठीक हो जाएगा। नित्य 2 बादाम भिगोकर, छीलकर, पीसकर, आधी छटाँक (31ग्राम) मक्खन में कुछ दिन तक खाने से लाभ होता है, सोते समय छुहारा दूध में उबाल कर लें। इसे लेने के दो घंटे बाद तक पानी न पीयें। इससे तीखी, मोटी आवाज साफ हो जाएगी।

टांसिल होने पर - अनन्नास का ज्यूस गर्म करके पीयें, टांसिल के रोगी को अनन्नास के टुकडे़ पर नीबूं का रस निचोड़ कर खिलाना चाहिए, टाॅसिल का रोग नष्ट हो जायेगा और पानी से कुल्ला करें, लाभ होगा। थोड़ी वेदना होगी, ड़रे नहीं। जिन लोगों को छाले होते रहते है वे खाने के बाद थोड़ी सौंफ लिया करें। छालें नहीं होंगे। देशी घी मंे कपूर मिलाकर नित्य चार बार लगायें और लार गिराएं। फिर कुल्ला कर लें। पान में चना के बराबर कपूर का टुकड़ा रखकर चबाएं और पीक थूकते जाएं। ध्यान रहे पीक पेट में न जाए। मसूडे़ फूलना, दर्द होना, टीस उठना आदि होने पर भुना हुआ जीरा और सेंधा नमक समान भाग पीसकर, छानकर मसूडे़ पर रगडे़ और लार टपका दें। लाभ होगा।

टाॅन्सिललाइटिस - गले के रोग तुलसी की माला पहनने से नहीं होते। अनन्नास खाने से लाभ होता है। सिंघाडे़ में आयोडीन अधिक होता है अतः इसका सेवन करना चाहिए। गरम पानी में फिटकरी डालकर गरारें करे। लाभ होगा। गरम पानी में नमक डालकर गरारे करने से टाॅन्सिल, गले में सूजन, दर्द में लाभ होता है। टाॅन्सिल में जब तक दर्द हो गरारे करते रहे। गर्म पानी में ग्लिसरीन मिलाकर गरारे करने से लाभ होता है। चाय की पत्तियों को उबालकर छानें और उस पानी से गरारें करें, लाभ होगा। गला बैठना, स्वर भंग - गरम पानी में थोड़ा सा नमक मिलाकर कुल्ले करना चाहिए। यह सुबह तथा रात को सोते समय करना चाहिए। मुलहठी को मुंह में रखकर चूसना चाहिए। मुलहठी का सत्व थोड़ा-थोड़ा मुंह मे रखकर चूसने से भी लाभ होता है। गला बैठ जाए, गले में ललाई या सूजन हो जाए तो ताजा पानी या गर्म पानी में नीबूं निचोड़कर नमक ड़ालकर तीन चार गरारे करने से लाभ होता है।


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