निःशक्तता रूपी राक्षस का अन्त हो......

Posted on 28-Apr-2015 11:38 AM




पोलियो एक ऐसा राक्षस हैं जो जन्म से पहले ही मानव जाति को अपंग बना देता है। आज कई बच्चे हंै जो इस पोलियो की वजह से न चल पाते हैं, न उठ पाते हैं। बड़ा ही कष्टप्रद जीवन जीने को मजबूर है। पोलियो जिन-जिन बच्चों को होता है, वह शारीरिक रूप से अविकसित होते हैं। इनके शरीर के अंगों का विकास पूर्ण रूप से नहीं हो पाता है।
    प्रश्न उठता है ऐसा आखिर किस वजह से होता है। इस रोग का सबसे बड़ा कारण यह है कि जिन माताओं को धुम्रपान व तम्बाकू का प्रयोग करने की आदत है, उनके गर्भ में पल रहे शिशुओं पर इसका बहुत ही घातक प्रभाव पड़ता है। ऐसे शिशु जब जन्म लेते हैं, तब उनमें कोई न कोई शारीरिक कमी रहती है। इसी वजह से वह जन्मजात अपंग रह जाते हंै। ऐसे बच्चों का जीवन-जीना दुभर हो जाता है। ऐसे बच्चे न तो चल पाते हैं, न कुछ करने की स्थिति में होते हैं। अन्धकारमय भविष्य लेकर जीने वाले इन बच्चों की आशा की किरण आज बनी है - नारायण सेवा संस्थान जो करीब 2,15,00 पोलियो आॅपरेशन अब तक कर चुकी है। आज यह संस्थान इसी पुनीत कार्य को करने के प्रति कृत संकल्प है।
    मानव ईश्वर का पुत्र है। कहते हंै जब ईश्वर किसी का निर्माण करता है तो कोई भेदभाव नहीं करता है, पर यदि ऐसा हो जाए कि ईश्वर दो इन्सानों में से एक को पूर्ण विकसित तथा दूसरे को अपंग बना देता तो ?    इस वक्त भी हमें हार नहीं माननी चाहिए। ईश्वर जो सबसे अमूल्य उपहार हमें देता है वह उपहार हमारा मस्तिष्क है। इस मस्तिष्क की बदौलत इंसान अपनी जिजिविषा को करने नहीं देता है। व्यक्ति चाहे अपंग ही क्यों न हो अगर उसके मन में कुछ कर दिखाने का जज्बा है तो वह अशक्त व्यक्ति भी वह कार्य करके दिखा देगा जो अच्छे-अच्छे सशक्त व्यक्ति भी नहीं कर सकते हैं। 
    ऐसे आत्म विश्वास से भरे पोलियोग्रस्त भाई-बहनों के लिए हमारी नारायण सेवा संस्थान सदैव तत्पर रहती है। इस संस्था का मूल उद्देश्य यही है कि सबसे पहले विकलांग भाई-बहन को अपने पाँवांे पर खड़ा करना, फिर उसे व्यावसायिक प्रशिक्षण देना, फिर उसके लिए व्यवसाय की खोज कर उसे पोलियो रूपी राक्षस से जीत दिलवाना। अतः नारायण सेवा संस्थान हर उस विकलांग भाई-बहन को आगे लाना चाहती है जो अपनी असमर्थता की वजह से असक्षम है।
    हम सेवा करना चाहते हैं, क्योंकि ईश्वर की इस अमूल्य धरोहर का मिलना बार-बार संभव नहीं है, क्यों न इस जीवन को इसी जन्म में सफल किया जाए ? 
    पोलियो रोग से होने वाले असहाय निःशक्त भाई-बहन, गरीबों को नव जीवन देकर सेवा का पुनीत फल उठाने में सभी का सहयोग अपेक्षित है। क्योंकि हम सभी इस समाज के सदस्य है और वह भी इसी समाज के सदस्य है।


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