खुश रहना है तो भूल जाइए इन बातों को.......

Posted on 25-Apr-2015 10:45 AM




खुश रहने का कोई कारण नहीं होता है। खुशी को सिर्फ महसूस किया जा सकता है। लेकिन अगर आप सच में खुश रहना चाहते हैं तो खुद को इन बातों से दूर रखिए, लेकिन इन्हें भूलिए मत। इन्हें याद रखने से आपको पता रहेगा कि आपको क्या बिल्कुल नहीं करना चाहिए।
हर व्यक्ति की खुशी का ध्यान रखना
अपनी खुशियों को ध्यान में रखिए। दूसरे लोग खुश हैं या नहीं, इस बारे में जानने से कोई फायदा नहीं है। क्योंकि सभी को खुश रखना आपकी जिम्मेदारी नहीं है।
हर काम आसान बन जाए
जो काम बाकी लोग नहीं कर रहे हैं, जिन लोगों से आप डरते हैं, इसके बारे में सोचिए। क्योंकि यही चीजें आपके व्यक्तित्व को बनाती हैं।
हर व्यक्ति और परिस्थिति को काबू करना
इस बारे में सोचना ही गलत है कि आप हर व्यक्ति पर और हर परिस्थिति को काबू में कर सकते हैं। क्योंकि ऐसा करना मुमकिन नहीं है। हो सकता है कि परिस्थितियां आपके अनुकूल न हों, लेकिन परेशान होने की कोई आवश्यकता नहीं है। जो जिन्दगी ने आपके बारे में सोचा है वैसा करते रहिए।
हर पल खुशियां मिलती रहें
ब्याह-शादी, जन्मदिन आदि कुछ मौके हैं जो खुशियांे से भरपूर होते हैं। लेकिन जैसे- जैसे वक्त बीतता है यह मौके भी बीत जाते हैं। अगर आप सोचते हैं कि हर वक्त खुशियों से भरा रहे तो आप गलत हैं। खुश रहना अलग है और खुशियां होना दूसरी चीज हैं।
रिश्तों का मतलब होता है खुशियां
जीवन में खुशियां जरूरी है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हर रिश्ता आपको खुश रखे। खुशियां अंदर से आती है। कोई दूसरा व्यक्ति आपको खुशियां नहीं दे सकता है। लेकिन अगर आप दूसरों में अपनी खुशियां तलाश रहे हैं तो खुद के साथ गलत कर रहे हैं।
हर समय सभी रिश्ते ठीक तरह से रहें
रिश्तेदारों और दोस्तों की सूची लंबी है। आपको ऐसा लगता है कि हर समय सभी रिश्ते एक-दूसरे के साथ ठीक तरह से चलने चाहिए तो ऐसा मुमकिन नहीं है। कुछ लोग आपसे खुश रहेंगे तो कुछ लोग खफा भी हो सकते हैं। सभी रिश्तों में परफेक्शन ढूँढ़ने से कोई अर्थ नहीं होगा। आप अपना सर्वोत्तम दीजिए। बाकी जो होना है, वैसा होगा ही।
दूसरों से बेहतर बनना
आप जैसे हैं, जो हैं वैसे ही रहिए। किसी दूसरे जैसा बनने से कोई फायदा नहीं होगा। इससे तनाव और ईष्र्या की भावना बढ़ेगी। खुशियों की जगह उदासी छाएगी।


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