फाॅरगिवनेस थैरेपी से स्वयं कीजिए स्वयं का इलाज

Posted on 23-May-2015 03:10 PM




क्षमा कर देना केवल बड़प्पन का ही काम नहीं, इससे हमारे मन को भी सुकून मिलता है। एक तरह से यह बिल्कुल किसी चिकित्सकीय थैरेपी की भांति प्रक्रिया होती है। तो बस एक बार अपनायें, फाॅरगिवनेस थैरेपी और महसूस कीजिए इसका कमाल।
कई बार मनुष्य के जीवन में कुछ ऐसे वाकये होते हैं, जो दिमाग में गहरे बैठ जाते हैं और किसी व्यक्ति विशेष के प्रति हमेशा उसके गुस्से की आग की भड़काए रखते है। ऐसे में व्यक्ति वाकये के याद आते ही चिड़चिड़ा हो जाता है, क्योंकि वह गुस्सा निकाल नहीं सकता। यहां तक कि किसी खुशी की बात पर भी वह उस बीती बात को याद कर दुःखी होने लगता है। असल में इसीलिए कि हमारे मन की पीड़ा मिटाना जरूरी है। यह आपके हित में है। ऐसा करने से हमारा क्रोध नुकसानदायक नहीं रहेगा।
    इस विषय पर जाॅन क्रिस्टाॅफ अर्नोल्ड ने व्हाय फाॅरगिव नामक किताब लिखी है। जिसका तर्क है क्रोध या बदले की भावना को धो डालना। ऐसी समस्या का निराकरण यह है कि फाॅरगिवनेस थैरेपी अपनाई जाए।
क्षमा क्यों
यूं तो यह कोई नई थैरैपी नहीं है, लेकिन अब यह वैज्ञानिक रूप से प्रामाणिक प्रणाली बन गई है। सभी काउंसलर्स, साइकैट्रिस्ट भी इसका उपयोग कर रहे है। सवाल यह है कि माफ क्यूं किया जाए, महान बनने के लिए, भूल जाने के लिए या किसी ने कहा है इसलिए
क्षमा कैसे
सबसे पहले उस समस्या को पहचानें। उसके कारण और परिस्थितियों को समझें। बस हल शुरू हो गया। कारण में कोई घटनाए व्यक्ति का व्यवहार या प्रताड़ना हो सकते है। फिर यह सोचना शुरू करें।
कि ऐसा क्यों हुआ। अब विशेषज्ञों की बात मानें। विशेषज्ञों की बात मानें। जी हां! विशेषज्ञों के अनुसार क्षमा करने का तरीका यह है कि उस व्यक्ति की निजी, पारिवारिक और सामाजिक परिस्थितियों में स्वयं को रखकर देखा जाए। उस स्थिति को जीकर देखें। इससे हमको सब स्वाभाविक लगेगा। सामने वाले ने जो कष्ट दिए थे, वे कुछ हल्के लगेंगे। इस अभ्यास को दोहराएं। जी हां! क्षमा करके भूल जाओ गलत है, क्योंकि दर्द को भूलना नामुमकिन है। क्षमा करके याद रखो यही सिद्धांत है। बस याद रखना है व्यक्ति की परिस्थिति को। बार-बार जब हम इस स्थिति में जिएंगे तो हमें उसका व्यवहार उचित लगने लगेगा और यहीं से शुरू होगा इलाज। बदले की भावना के अंत के साथ गुस्सा कम होता जाएगा। वह बुरी घटना स्वाभाविक लगने लगेगी। यह थोड़ी धीमी प्रक्रिया है, लेकिन वाकई कारगर है।


Leave a Comment:

Login to write comments.