इंसान की आवश्यकता है ‘प्रेम’

Posted on 01-May-2015 03:24 PM




जब प्राथमिक ज़रूरतें पूरी हो जाती हैं तब इंसान को प्रेम की ज़रूरत महसूस होती है। आप जानते हैं कि कई बार अमीर घर के बच्चे चरस, गांजा, शराब इत्यादि ग़लत चीज़ों में उलझ जाते हैं क्योंकि उन्हें सारी सहूलियतें मिलती हैं। पैसे सेे मिलने वाली सारी चीज़ें उन्हें मिलती हैं मगर प्यार नहीं मिलता। जिन बच्चों के माता-पिता पैसा कमाने के लिए या किसी अन्य कारण से बाहर ही रहते हैं, उन बच्चों को माता-पिता का प्यार नहीं मिल पाता। ऐसे बच्चे प्यार की तलाश करने लगते हैं। वह कमी पूरी करने के लिए वे जुआ खेलने लगते हैं, शराब पीने लगते हैं और कई ग़लत आदतों कोे अपना लेते हैं।
    प्राथमिक आवश्यकताएँ पूर्ण होने पर इंसान चाहता है कि उसेे कोई प्यार करने वाला होे क्योंकि पैसों के लालच में कई मित्र प्यार तो करते हैं पर सच्चा नहीं। 


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