सब रोगों की एक दवाई हँसते रहिये मेरे भाई

Posted on 28-Apr-2015 10:47 AM




हंसना व्यक्ति के जीवन में परमावश्यक अंग है। अगर इन्सान के जीवन में हंसी को हटा दिया जाए तो पृथ्वी पर हर तरफ नर्क के समान एक उदासीन वातावरण दिखाई देने लगेगा।
हंसना प्राकृतिक योगक्रिया जानिये। हंसते समय हमारे देह देवालय का प्रत्येक अंग क्रियाशील हो जाता है। देह की अकड़न झकड़न आदि समाप्त हो जाती है। मन प्रसन्न होता है।
सबसे बड़ी बात तो यह है कि हँसने पर कोई शुल्क नहीं लगता। हँसना और मुस्कराना परमात्मा का एक पावन उपहार है।
आप हँसेंगे तो आपके साथ साथ आपके आसपास का समस्त वातावरण भी आपका साथ देगा। हँसते रहने वाले के साथ सभी मित्रता करना चाहेंगे।


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