चिन्तन - मनन

Posted on 12-Jun-2016 11:03 AM




धन की प्राप्ति के उद्देश्य से कार्य करने पर मन संसार में रम जाता है, इसलिये सांसारिक कार्य बड़ी सावधानी के साथ केवल भगवत्प्रीति के लिए ही करना चाहिये। इस प्रकार से भी अधिक कार्य न करें, क्योंकि कार्य की अधिकता से उद्देश्य में परिवर्तन हो जाता है। सांसारिक पदार्थों और मनुष्यों से मिलना-जुलना कम रखना चाहिये। संसार संबंधी बातें बहुत ही कम करनी चाहिये। बिना पूछे न तो किसी के अवगुण बताने चाहिये और न उनकी ओर ध्यान ही देना चाहिये।


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