मजदूरी नहीं मिली तो भूखे थे अनाथ बच्चे, राशन मिला तो लौटी खुशियां

Posted on 18-Apr-2015 10:16 AM




खेराड के नामला गाँव के मालमंगरी फला में खुद की पढ़ाई छोड़ भाई-बहन को पढ़ा रही 15 वर्षीय किशोरी सुगना मीणा की सहायता को मंगलवार को एक संस्था और समाजसेवी आगे आए। उन्होंने राशन दिया तो चूल्हा जला और खाना खाया। इसके बाद तो बच्चों की खुशियों का ठिकाना नहीं रहा। मंगलवार को सुगना को मजदूरी नहीं मिली तो खाना नहीं बन पाया था और तीनों अनाथ बच्चे भूखे थे। 
    ‘खुद स्कूल छोड़ भाई-बहन को पढ़ा रही किशोरी’ नामक शीर्षक से खबर प्रकाशित होने के बाद उदयपुर से नारायण सेवा संस्थान की निदेशक वंदना अग्रवाल के निर्देश में संस्थान की टीम नामला स्थित मालमंगरी पहुँची। उन्होंने अनाथ बच्चों को राशन सामग्री दी। टीम व समाज कल्याण विभाग की टीम मौके पर पहुँच ग्रामीणों से और सरपंच से बात कर अनाथ बच्चों को पढ़ाने व भरण-पोषण के लिए जिम्मेदारी उठाने की बात करेंगे। इससे पहले मंगलवार को सुगना को मजदूरी नहीं मिलने के कारण अनाथ बच्चे दिनभर भूखे रहे। लेकिन शाम को नारायण सेवा संस्थान द्वारा राशन देने पर चूल्हे में आग जली और तीनों को भोजन मिला। 
    इस अवसर पर संस्था से नारायण चैबीसा, सुरेश, शम्भूनाथ आदि उपस्थित थे। इधर, चिबोड़ा के वक्तसिंह ने भी गेहूँ दिए। अब प्रशासन आगे आए तो पालनहार योजना व मुख्यमंत्री आवास योजना का लाभ मिल पाएगा और पढ़ाई में सहूलियत भी होगी।


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