नेपाल मे राहत कार्य में जुटा रहेगा भारत

Posted on 13-May-2015 12:35 PM




काठमांडू/नई दिल्ली। भूकंप में तबाह हुए नेपाल ने राहत और बचाव कार्य में लगी अन्य देशों की रेस्क्यू टीमों को लौटा दिया है। हालांकि, नेपाल की ओर से यह स्पष्ट किया गया है कि भारत की रेस्क्यू टीमें आपदा कार्य में अपना योगदान देती रहेंगी। नेपाल के राजदूत दीप कुमार उपाध्याय ने सोमवार को बताया, ‘पुनर्वास और राहत के काम में भारत का योगदान जारी रहेगा। हमें जो भी जरूरत रहेगी हम भारत से हासिल करेंगे।’ नेपाल के विदेशी दलों को वापस लौटने के लिए कहने से उत्पन्न भ्रम के बाद उपाध्याय ने विदेश सचिव एस. जयशंकर से मिलकर स्थिति स्पष्ट की है।
नेपाली राजदूत से पूछा गया था कि क्या नेपाल सरकार भारत से नाराज है? इस पर उन्होंने कहा, ‘नहीं। बिल्कुल नहीं। सकारात्मक रहिए, नकारात्मक नहीं।’ उन्होंने कहा, ‘भूकंप के नौ दिनों बाद भी बचाव का काम लगातार जारी नहीं रखा जा सकता। इसे अब समाप्त माना जाना चाहिए। अब मलबा हटाने का काम रह गया है। नेपाल सरकार और सेना को अब सिर्फ उपकरणों की जरूरत है। भारत का आभार है कि उसने हमारे कहने पर महज छह-सात घंटे के अंदर सभी उपकरण काठमांडू पहुंचा दिए।’ उन्होंने कहा कि मलबा हटाने और राहत कार्यों के बाद पुनर्निर्माण कार्य शुरू होगा।’
पिछले महीने की 25 तारीख को आए भूकंप के बाद बचाव और राहत के लिए पहुंची विदेशी टीमों को नेपाल सरकार ने वापस लौटने को कह दिया है। नेपाल में भारत सहित करीब 34 देशों के लगभग 4,050 विशेषज्ञ और 129 जासूसी कुत्ते राहत व बचाव के काम में लगे हैं। सरकार के फैसले के बाद इनमें से कुछ विशेषज्ञों को छोड़कर सभी वापस लौटेंगे। इस फैसले के बाद नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने भी कहा, ‘भारत राष्ट्रीय आपदा कार्रवाई बल (एनडीआरएफ) को नेपाल से वापस बुला रहा है। लेकिन वहां भारत का राहत अभियान जारी रहेगा।


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