ज्योतिष के अनुसार चन्द्रमा

Posted on 24-Sep-2015 04:28 PM




    जन्म कुंडली में चन्द्र को मन और माता का कारक माना गया है यह कर्क राशी का स्वामी है ,चन्द्रमा के मित्र ग्रह सूर्य और बुध है. चन्द्रमा किसी ग्रह से शत्रु संबन्ध नहीं रखता है. चन्द्रमा मंगल, गुरु, शुक्र व शनि से सम संबन्ध रखते है. चन्द्र वृ्षभ राशि में शुभ और वृ्श्चिक राशि में होने पर नीच का हो जाता है. ,चन्द्र ग्रह उत्तर-पश्चिम दिशाओं का प्रतिनिधित्व करता है. चन्द्र का भाग्य रत्न मोती है. चन्द्र ग्रह का रंग श्वेत, चांदी माना गया है. चन्द्र का शुभ अंक 2, 11, 20 है.

जन्म कुंडली में चन्द्रमा यदि अपनी ही राशि में या मित्र, उच्च राशि षड्बली ,शुभ ग्रहों से दृष्ट हो तो चन्द्रमा की शुभता में वृद्धि होती है. जन्म कुण्डली में चंद्रमा यदि मजबूत एवं बली अवस्था में हो तो व्यक्ति समस्त कार्यों में सफलता पाने वाला तथा मन से प्रसन्न रहने वाला होता है. पद प्राप्ति व पदोन्नति, जलोत्पन्न, तरल व श्वेत पदार्थों के कारोबार से लाभ मिलता है.
चन्द्र का प्रभावः- यह शरीर में बाईं आंख, गाल, मांस, रक्त बलगम, वायु, स्त्री में दाईं आंख, पेट, भोजन नली, गर्भाशय, अण्डाशय, मूत्राशय. चन्द्र कुण्डली में कमजोर या पिडित हो, तो व्यक्ति को ह्रदय रोग, फेफडे, दमा, अतिसार, दस्त गुर्दा, बहुमूत्र, पीलिया, गर्भाशय के रोग, माहवारी में अनियमितता, चर्म रोग, रक्त की कमी, नाडी मण्डल, निद्रा, खुजली, रक्त दूषित होना, फफोले, ज्वर, तपेदिक, अपच, बलगम, जुकाम, सूजन, जल से भय, गले की समस्याएं, उदर-पीडा, फेफडों में सूजन, क्षयरोग. चन्द्र प्रभावित व्यक्ति बार-बार विचार बदलने वाला होता है.

चन्द्रमाँ का दान वस्तु:- चावल, दूध, चांदी, मोती, दही, मिश्री, श्वेत वस्त्र, श्वेत फूल या चन्दन. इन वस्तुओं का दान सोमवार के दिन सायंकाल में करना चाहिए. जिनकी कुंडली में चन्द्र अशुभ हो ऐसे लोग चंद्र की शुभता लेने के लिए माता, नानी, दादी, सास एवं इनके पद के समान वाली स्त्रियों का आशीर्वाद लें।


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