आत्म - ज्ञान

Posted on 08-Jun-2016 10:17 AM




भक्त कबीर के पास जाकर एक व्यक्ति ने कहा मैं आत्म ज्ञान चाहता हूं। कबीर उसे लेकर गांव के पनघट पर गए, वहां पर कुएं से पानी लेकर कोई स्त्री अपने सिर पर दो तो कोई तीन घड़े लेकर जा रही थी। वे कभी रास्ते में रुक कर बातें करने लगती और कभी चलने लगती, कबीर ने उनसे पूछा-तुम बात करते हो, रुकती हो तुम्हारे घड़े गिरते क्यों नहीं ? एक स्त्री ने उत्तर दिया-’अरे गिरेंगे कैसे ! हम चाहे बातें कर रही हैं पर हमारा पूरा ध्यान तो घड़े पर ही है। कबीर ने उस व्यक्ति की ओर देखकर कहा कि अब तो आप समझ ही गये होंगे कि बाहर से तो सब शारीरिक कार्य करते रहो किन्तु ध्यान हमेशा हृदय में रहने वाले प्रभु का ही करो, यही आत्म ज्ञान है। यह देखकर वह व्यक्ति संतुष्ट हो वहां से चल दिया।


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