केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने घोषणा की है कि एक माह के अंदर स्नातक और परास्नातक कक्षाओं के विद्यार्थियों को आॅनलाइन कोर्स मैटेरियल उपलब्ध करवाया जाएगा। करीब बारह हजार लर्निंग माॅड्यूल मोबाइल एप के जरिये निःशुल्क उपलब्ध होंगे। इसके अलावा एनसीईआरटी व सीबीएसई की पाठ्
बच्चे की परवरिश उसके माता-पिता की जिम्मेदारी होती है। वो अपने बच्चे को ऐसी बातें सिखाते समझाते हैं जो जिंदगीभर उनके काम आए। ऐसी ही कुछ बातें हम यहां साझा कर रहे हैं, जो हर अभिभावक को अपने बच्चे को समझानी चाहिए। परवरिश में रखें ये बातें याद - जब किसी इंसान की जिंदगी में उसकी औलाद आती
अरंडी और सरसों के तेल को बराबर मात्रा में मिला लें। इसकी सिर पर अच्छी तरह से मालिश करने से दो मुंहे बालों की समस्या दूर होती है। अश्वगंधा और सौंठ के चूर्ण को समान मात्रा लें। इसका आधा चम्मच चूर्ण सुबह-शाम गुनगुने पानी से लें। कमरदर्द में आराम मिलेगा। एलोवेरा के गूदे में क
व्यक्ति, हमेशा गुणों की पूजा करता है। तुलसी हमेशा ही हमारे समाज में पूजनीय रही है। उसका कारण है तुलसी में निहित गुण। आरोग्य के लिए तुलसी अपने आप में बहुत से गुण समाए हुए है इसलिए इसे ’’घर का वैद्य’’ भी कहा जाता है। तुलसी मुख्यतः वात एवं कफ रोगों के लिए उपयोगी है। रोज 2 से
आवश्यक सामग्री - 1. तिल - 500 ग्राम (4 कप) 2. गुड़ - 500 ग्राम ( बारीक कुटा हुआ 2 कप) 3. घी - 2 छोटे चम्मच विधि -तिल को अच्छी तरह साफ कर लीजिये। कढ़ाई लेकर गरम कीजिये, मध्यम आग पर, लगातार चमचे से चलाते हुये, तिल को हल्का भूरा होने तक भून लीजिये।
जीवन काक स्वरूप इन्द्र-धनुष के समान है, और पूरे जीवन में विभिन्न रंगों की भांति विभिन्न स्थितियां आती हैं, जो कि सुख और दुःख स्वरूप हैं। इस जीवन को आप किस प्रकार से जीना चाहते हैं, यह आप पर निर्भर करता है। साधारण व्यक्ति दूसरे व्यक्तियों के संबंध में चर्चा करते हैं, उनसे श्रेष्ठ व्यक्ति स्
इमली के पेड़ ऊंचे और मोटे होते हैं। इसकी फली 6-8 इंच लंबी और चैड़ी होती है। पकने पर फली के अंदर काले रंग का कठोर बीज निकलता है। यह खट्टी, भारी, वातनाशक व रुधिर विकार दूर करने वाली होती है। उपयोेग - अर्श (बवासीर) में पीड़ा होने पर इमली के फूल के रस को लगाने से शांति मिलती है।
साधक कोई भी साधना करे, उसे प्रातः उठ कर सर्वप्रथम सूर्य नमस्कार करना तो आवश्यक ही है।सूर्योदय होने से पूर्व ही साधक नित्य क्रिया से निवृत होकर, स्नान कर, शुद्ध वस्त्र अवश्य धारण कर ले।सूर्य की मूल पूजा उगते हुए सूर्य की पूजा ही है, और यही फलकारक है, अतः सूर्योदय के
भूख अधिक लगना।वजन कम होना।पेशाब बार-बार और अधिक मात्रा में आना, शरीर में पानी की कमी हो जाना। इसे ’डायबिटीज इनसीडियस’ कहते हैं।थकान एवं शिथिलता।खुजली, शरीर के अंदर वाले हिस्सों (जननांगों), जांघों और पेशाब की जगह पर संक्रमण व खुजल
जब अमेरिकी राष्ट्रपति अब्राहिम लिंकन भारत दौरे पर आ रहे थे तब उन्होने अपनी माँ से पूछा कि हिंदुस्तान से आपके लिए क्या लेकर आए । तब माँ का जवाब मिला, उस महान देश की वीर भूमि हल्दी घाटी से एक मुðी धूल लेकर आना, जहाँ का राजा अपने प्रजा के प्रति इतना वफादार था कि उसने आधे हिंदुस्तान के बदले आपनी