25-Jun-2016
व्यवहारिक ज्ञान

इच्छा शक्ति किस प्रकार कार्य करती है? (व्यवहारिक ज्ञान )

इस संसार में जिस किसी ने जो कुछ प्राप्त किया, वह प्रबल इच्छाशक्ति के आधार पर प्राप्त किया है । मनुष्य जिस प्रकार की इच्छा करता है, वैसी ही परिस्थितियाँ उसके निकट एकत्रित होने लगती हैं । इच्छा एक प्रकार की चुंबकीय शक्ति है, जिसके आकषर्ण से अनुकूल परिस्थितियाँ खिंची चली आती है । जहाँ इच्छा नहीं, वह


25-Jun-2016
करियर एवं शिक्षा

कठिनाइयों से शिक्षा ग्रहण करें और आगे बढ़ (करियर एवं शिक्षा )

कठिनाइयों के बीच से गुजरे बिना मनुष्य का व्यक्तित्व अपने पूर्ण चमत्कार में नहीं आता और कठिनाइयाँ एक ऐसी खराद की तरह है जो मनुष्य के व्यक्तित्व को तराशकर चमका दिया करती हैं। कठिनाइयाँ मनुष्य-जीवन के लिए वरदान रूप ही होती हैं, साधारणतया महापुरुषों का सृजन कठिनाइयों की आग में तपने के बाद ही होता है।


24-Jun-2016
व्यवहारिक ज्ञान

कुछ ऐसा भी करके देखिये (व्यवहारिक ज्ञान )

आप दूसरों से जैसे व्यवहार की अपेक्षा करते हैं वैसा ही आचरण दूसरों के साथ भी कीजिए। दुख और चिंता से बचाने वाला इससे अच्छा कोई दूसरा उपाय नहीं है। जो दूसरों को दुख देगा या अभद्र व्यवहार करेगा उसे सामाजिक दंड, प्रतिकार, घृणा, निंदा का पात्र बनना ही पड़ेगा। अपनी आत्मा भी उसको धिक्कारती रहेगी। इससे बचन


24-Jun-2016
सुविचार

सन्तोष सबसे बड़ा धन (सुविचार )

एक युवक बड़ा परिश्रमी था। दिन भर काम करता, शाम को जो मिलताखा-पीकर चैन की नींद सो जाता। कुछ संयोग ऐसा हुआ कि उसकी लाॅटरी लग गई। ढ़ेरो धन उसे अनायास मिल गया। अब उसका सारा समय भोग विलास में बीतने लगा। वासना की तृप्ति हेतु निरत होने से श्रम के अभाव में वह दुर्बल होता चला गया। चिन्ता और दुगनी हो गई। नीं


24-Jun-2016
प्रेरक प्रसंग

जिसके पास ये तीन चीजें, वो गरीब नहीं (प्रेरक प्रसंग)

भगवान बुद्ध धर्म प्रचार के लिये भ्रमण पर थे। गांव के लोग उनसे उपदेश लेने पहुंचने लगे। सब लोग अपनी-अपनी समस्याएं लेकर उनके पास जाते और उनसे हल प्राप्त कर नई ऊर्जा के साथ लौटते। गांव के बाहर एक गरीब रास्ते में बैठा रहता था। गरीब ने सोचा क्यों ना मैं भी भगवान के पास अपनी  समस्या लेकर जाऊँ ? हिम


24-Jun-2016
सुविचार

ध्यान के अनुभव (सुविचार )

ध्यान के अनुभव निराले हैं। जब मन मरता है तो वह खुद को बचाने के लिए पूरे प्रयास करता है। जब विचार बंद होने लगते हैं तो मस्तिष्क ढेर सारे विचारों को प्रस्तुत करने लगता है। जो लोग ध्यान के साथ सतत् ईमानदारी से रहते हैं वह मन और मस्तिष्क के बहकावे में नहीं आते हैं लेकिन जो बहकावे में आ जाते हैं वह कभ


24-Jun-2016
अद्यात्म

क्या होता है मोक्ष? (अद्यात्म)

जीवन, मरण, लोक, परलोक, स्वर्ग और नरक आदि गूढ़ विषय यदि सद्-साहित्य में तलाशें तो इनके लिए कोई समान सार्वत्रिक नियम नहीं है। परन्तु प्रत्येक जीव की स्कर्मानुसार  वभिन्न गति होती है, यही कर्मविपाक का सर्वतंत्र सिद्धांत है। सार यह निकलता है जीव कि कर्मानुसार स्वर्ग और नरक आदि लोकों को भोगकर पुनर


22-Jun-2016
स्वास्थ्य

चिंता करना बंद करें (स्वास्थ्य)

‘हम चिंता क्यों करते हैं’ इस विषय पर हृदयार्पित धवल का विश्लेषण और तनाव मुक्त जीवन जीने के तरीके के बारे उनके सुझाव। तनाव आधुनिक जीवन का एक हिस्सा बन गया है। कुछ मात्रा में तनाव निश्चित है। लेकिन जब चिंताएँ बढ़ने लगती हैं तो आपको उनका सामना करने की आवश्यकता है। आमतौर पर ऐसा देखा जाता ह


22-Jun-2016
करियर एवं शिक्षा

मेहनत की कमाई (करियर एवं शिक्षा )

जीवन एक अपार संभावनाओं की नदी है। यह आप पर निर्भर करता है कि आप बाल्टी लेकर खड़े हैं या चम्मच लेकर। किसी गांव में हरि नाम का एक ईमानदार व मेहनती व्यक्ति रहता था। इसके ठीक विपरीत उसका बेटा घोर आलसी और निकम्मा थां। मेहनत कर पैसा कमाना उसके स्वभाव में नहीं था। यदी वह कुछ कमाकर लाता भी तो बेईमानी और ज


22-Jun-2016
अद्यात्म

गायत्री मंत्र से अभिव्यक्ति होते है-कर्म, ज्ञान और भक्ति (अद्यात्म)

’ऊँ भूर्भुवः स्वः तत् सवितुर्वरेण्यं भर्गों देवस्य धीमहि धियो यो नः प