27-Apr-2015
सम्पादकीय

सम्पादकीय (सम्पादकीय )

चक्रवर्ती राजा जनक की मखमली गदेेलों पर करवटें बदलते हुए झपकी लगी ही थी कि पड़ौसी देश के राजा ने संदेश भेजा - ”युद्ध के लिए तैयार हो जाओ अथवा अधीनता स्वीकार करो।“ युद्ध होना ही था, सो हुआ। राजा जनक बुरी तरह हारे। सब कुछ छोड़ कर भागे जा रहे हैं-भूखे प्यासे, शत्रुओं द्वारा पकड़े जाने का


24-Apr-2015
सम्पादकीय

सम्पादकीय (सम्पादकीय )

आवागमन अबोध रूप से चल रहा था। सड़क के किनारे एक असहाय वृद्ध घायलावस्था में- प्रत्येक आने जाने वालों को याचना पूर्ण निगाहों से देख रहा था। लेकिन किसी ने वहाँ रूकने की हिम्मत नहीं उठाई। “यदि मैं यहां रूका तो लोग क्या समझेंगे ?क्या कहंगे ?” अन्ततः एक कार वाले सज्जन ने उन्हें देखा,


23-Apr-2015
सम्पादकीय

थामें भागते मन की लगाम (सम्पादकीय )

छुड़ाओ छुड़ाओ.....बीच तालाब में एक युवक ने पकड़ रखा है किसी को......चिल्ला रहा है, चिल्ला रहा है... रो-रोकर गुहार लगा रहा है। किनारे खड़े लोगों ने कहा छोड़ कम्बल को.....रोने जैसी आवाज आई। मैं तो छोड़ दूँ लेकिन यह कम्बल मुझे नहीं छोड़ता.......हकीकत में तालाब में नहा रहा था एक भालू......युवक ने समझ


22-Apr-2015
सम्पादकीय

सम्पादकीय (सम्पादकीय )

प्यास के मारे पाण्डवों के गले सूख रहे थे- कहीं पानी की उम्मीद नहीं थी। आकाश में उड़ते हुए पक्षियों की राह को देख कर युधिष्ठिर के मन में आशा की किरण जगी। एक-एक कर सभी भाइयों को उस दिशा में भेजा गया- पानी के लिए। तालाब पर पहुँचने के बाद एक भी भाई वापस नहीं लौटा, तो युधिष्ठिर की चिन्ता और भी


20-Apr-2015
सम्पादकीय

सम्पादकीय (सम्पादकीय )

चक्रवर्ती राजा जनक की मखमली गदेेलों पर करवटें बदलते हुए झपकी लगी ही थी कि पड़ौसी देश के राजा ने संदेश भेजा - ”युद्ध के लिए तैयार हो जाओ अथवा अधीनता स्वीकार करो।“ युद्ध होना ही था।-हुआ। राजा जनक बुरी तरह हारे। सब कुछ छोड़ कर भगे जा रहे हैं-भूखे प्यासे, शत्रुओं द्वारा पकड़े जाने का बड़ा


18-Apr-2015
सम्पादकीय

विश्वासों की कुछ किरणों से दुःख की बदली छँट जाती है (सम्पादकीय )

भारतीय संस्कृति के आदि ग्रंथ ‘वाल्मिकी रामायण’ की रचना करुण-रस की निष्पति का महानतम् दृष्टान्त है। अपने आश्रम के बाहर तमसा नदी के किनारे काम मोहित क्रौंच पक्षी युगल पर अज्ञात शिकारी के बाण से नर क्रौंच पक्षी के वध तथा मादा क्रौंच की असह्य पीड़ा से दुःखी होकर ऋषि वाल्मिकी की करुणा, लेख