कब्ज से सहज मुक्ति

Posted on 15-Jun-2015 04:16 PM




कब्ज के कब्जे से शायद ही कोई व्यक्ति बचा हो। कब्ज में मल सूखकर कठोर हो जाता है तथा स्वतः ही बाहर नहीं निकल पाता है, इसे ही कब्ज कहते हैं। कब्ज कोई रोग नहीं है लेकिन यह लम्बे समय तक रहता है तो कई रोगों का जन्मदाता बन जाता है। इसलिए कहते है कि कब्ज रोगों की जननी है।
गाँधीजी कब्ज से पीडि़त रहते थे। उनको एक पुस्तक रिटर्न टू नेचर मिली तथा उसको पढ़ने के बाद उन्होंने पेट पर मिट्टी पट्टी रखी। उससे उन्हें कब्ज से मुक्ति मिली जबकि वे सब तरह की दवाइयाँ ले चुके थे और दवाओं से हार चुके थे। इसलिए उन्होंने कहा कि जो काम बड़े-बड़े डाॅक्टर व वैद्य नहीं कर सके वह एक मिट्टी पट्टी ने किया।
कब्ज के कारण:-
आँतों की क्रियाशीलता में कमी।
पानी नहीं पीना या कम पीना।
ज्यादा देर तक बैठना और सोना।

बार-बार व अधिक भोजन करना।
फास्ट फूड जंक फूड व ज्यादा दवाओं का प्रयोग करना।
परिश्रम का अभाव।
रेशेयुक्त भोजन का अभाव।
तलाभुना खाना, ज्यादा चाय, चीनी, काॅफी, टाॅफी, चाकलेट, ब्रेड बिस्कुट, जैम, जैली, मैदा, नमकीन, मिठाइयों का निरंतर प्रयोग करना, क्रोध, तनाव, दबाव मेें रहना।
मद्यपान, धूम्रपान आदि कारणों से भी कब्ज होता है।
निदान:-
सबसे पहले कारणों को दूर करें।
सुबह उठते ही गुनगुना पानी 2-3 गिलास पीवें संभव हो तो एक नींबू डाल दे।
रात को भींगा हुआ मुनक्का 7-8, अंजीर 3, अखरोट 2, बादाम 4, मंूगफली दानें खाएँ।
नाशपती का जूस या फल खाएँ (नाशपती कब्ज का नाश कर देती है)।
पपीता तो पलीता ही लगा देता है। इसलिए शाम को पपीता लें।
अमरूद, नाग, अनार, मौसम्मी, नीबू की शिंकजी व मौसम के फलों का सेवन करें।
भिंडी, रतालु, अरवी, कटहल, मल को सरकाने में मदद करते हैं, आँतों का रूखापन दूर करते हैं, आँतों को चिकना बनाती है। 
गर्म सब्जी में घी डालकर खावें।
दूध मे पिंड खजूर या मुनक्का दाख उबालकर पिएँ।
दूध के साथ इसबगोल या एरंडी का तेल (15 से 20 ग्राम) लेवें। सुबह-शाम (लौकी 300 ग्राम, ककड़ी 300 ग्राम, हरा धनिया 15 ग्राम व अदरक 5 ग्राम एवं तुलसी पत्र 10 ग्राम) इनको मिलाकर ज्यूस बनाकर पिएँ।
हरड़ को खाने के डेढ़ घंटे बाद चूसनें से बड़ा लाभ मिलता है।
सलाद, सूप व दलिया का प्रयोग करें।
नित्य यौगिक क्रियाएं करें (पेट संबंधी)।
नीबू, पानी शहद का प्रतिदिन प्रयोग करें।
पानी खूब पिएँ।
छाछ व दही का प्रयोग करें।
आँवला तो कब्ज में आग लगा देता है।
हरा धनिया की दादागिरी व आम की मिठास से कब्ज दूर भाग जाता है।
अंकुरित मूंग, मोठ, चना, मैथी, मूंगफली आदि रेशेयुक्त आहार का प्रयोग करें।
रात को किशमिस खाएँ या उपवास करें।
अंकुरित ज्वारा, करेला, पालक, टमाटर व हरी सब्जियाँ बड़ी लाभकारी हैं।
मूली व मोगरी तो कब्ज को मटिया मेट ही कर देता है।


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