बच्चों की नाक बहने को गंभीरता से लें

Posted on 14-May-2015 01:36 PM




फैमिली हिस्ट्री, दूसरों के धूम्रपान का धुआं, परफ्यूम और काॅइल की गंध, धूलकणों से एलर्जी व वायरल इंफेक्शन के कारण बच्चों में अस्थमा हो सकता है। इस रोग में बच्चे के साथ-साथ माता-पिता को भी कई सावधानी रखनी पड़ती है। आइए जानते हैं उनके बारे में।
लक्षण: शुरुआत में नाक बहना और फिर हल्की खांसी आने से सांस लेने में तकलीफ होने लगती है। गंभीर स्थिति में बच्चे का शरीर नीला पड़ जाता है और उसे बोलने में परेशानी होती है।
इलाज: आमतौर पर बचपन में स्पायरोमेट्री जांच से यह पता चल जाता है कि बच्चे की अस्थमा है कि नहीं। बच्चे को रोग की गंभीरता के अनुसार पंप के माध्यम से दवाइयां दी जाती है। यदि बच्चे को आनुवंशिक रूप से अस्थमा न हो तो दवाओं व देखभाल से इस रोग को नियंत्रित किया जाता है। माता-पिता को चाहिए कि वे स्कूल में बच्चे के रोग के बारे में बता दें ताकि अस्थमा का अटैक आने पर समयानुसार दवा या इन्हेलर का प्रयोग किया जा सके।
डाॅ. विष्णु अग्रवाल, 
शिशु रोग विशेषज्ञ


Leave a Comment:

Login to write comments.