7 April, 2015

करियर एवं शिक्षा पर कार्यशाला 8 अप्रैल से

उदयपुर। रोजगार विभाग एवं वर्धमान महावीर कोटा खुला विश्वविद्यालय के क्षेत्रीय केन्द्र उदयपुर के संयुक्त तत्त्वावधान में तीन दिवसीय करियर एवं शिक्षा परामर्श कार्यशाला का आयोजन 8 से 10 अपैल तक किया जायेगा। क्षेत्रीय केन्द्र की निदेशक डाॅ.रश्मि बोहरा ने बताया कि नौकरी के साथ पढ़ाई, घर बैठे उच्च शिक्षा के अवसर, करियर आधारित आधारभूत कोर्स आदि के बारे में विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी।


7 April, 2015

भारत, आस्ट्रेलिया और पाक एक ही ग्रुप में

भारत और उसके चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान तथा विश्व चैंपियन आस्ट्रेलिया को 2016 के रियो ओलंपिक के लिए क्वालिफाइंग टूर्नामेंट हाॅकी लीग सेमीफाइनल में एक ही ग्रुप में रखा गया है।


7 April, 2015

सेवा परमो धर्म ट्रस्ट कराएगा केतन्य के हृदय का आॅपरेशन

जयपुर जिले के गोपालपुरा निवासी जलेश यादव के पुत्र केतन्य (6) को हृदय रोग के आॅपरेशन के लिए सेवा परमो धर्मं ट्रस्ट उदयपुर ने जयपुर स्थित नारायण हृदयालय में निःशुल्क आॅपरेशन के लिए भिजवाया।


7 April, 2015

मातृ-पितृ भक्त श्रवण कुमार

श्रवण कुमार एक पौराणिक चरित्र है। ऐसा माना जाता है कि श्रवण कुमार के माता-पिता अंधे थे। श्रवण कुमार अत्यंत श्रद्धापूर्वक उनकी सेवा करते थे। एक बार उनके माता-पिता की इच्छा तीर्थयात्रा करने की हुई। श्रवण कुमार ने कावड़ बनाई और उसमें दोनों को बैठाकर कंधे पर लिये यात्रा करने निकले। एक दिन वे अयोध्या के समीप वन में पहुँचे। वहाँ माता-पिता को प्यास लगी। श्रवण कुमार पानी के लिए अपना तुंबा लेकर सरयू तट पर गए। उसी समय महाराज दशरथ भी वहाँ आखेट के लिए आए हुए थे।


7 April, 2015

रोग के लिए खुला निमंत्रण है मोटापा

किसी भी व्यक्ति को कितनी ऊर्जा (कैलोरी) की आवश्यकता होती है, यह जानना हमारे लिए आवश्यक है। वयस्क पुरुष को 2600 एवं वयस्क स्त्री को 2100 कैलोरी की आवश्यकता होती है। एक आराम की जिंदगी जीने वाली स्त्री को 2000 और पुरुष को 2400 कैलोरी की जरूरत पड़ती है।


7 April, 2015

सनातन विश्व दर्शन मंदिर में होते हैं सभी देवी-देवताओं के दर्शन

उत्तरप्रदेश के कुशीनगर जिले में रामकोल स्थित सनातन विश्व मंदिर में सभी देवी-देवताओं और संत महात्माओं के दर्शन हो जाते हैं। देवरिया से 22 किमी और महात्मा बुद्ध के परिनिर्वाण स्थल से महज 20 किमी दूर स्थित यह इलाका अपने पौराणिक और धार्मिक महत्व के कारण विश्वविख्यात है।


7 April, 2015

हम भीतर जितने खाली रहेंगे जीवन में उतने ही शांत रहेंगे

सांसारिक जीवन में पूर्णता की जितनी जरूरत है, आध्यात्मिक जीवन में खालीपन का उतना ही महत्व है। हम संसार में खाली रह ही नहीं सकते। दुनिया ऐसे ही चलती है। कोई किसी से छीनकर भर रहा है और जिसका छिन जाता है, वो दोबारा भरने की तैयारी करता है। अध्यात्म में इसका उल्टा है। अध्यात्म कहता है थोड़ा खालीपन, थोड़ा कोरा होना भी जरूरी है।


7 April, 2015

विश्व स्वास्थ्य दिवस आज

रोगों को यदि होने से पहले ही रोक लिया जाए तो कई परेशानियों से निजात पाई जा सकती है। 1948 में वल्र्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन द्वारा प्रतिवर्ष 7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस के रूप में मनाने की जो बात कही गई वह इसलिए आवश्यक थी ताकि भविष्य को रोग मुक्त बनाया जा सके। आइए जानते हैं कुछ रोगों के निदान और उसके प्रति जागरूकता।


7 April, 2015

तुलसी है कई रोगों की दवा

पेड़-पौधे हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। इनसे हमें आॅक्सीजन मिलती है। ये कई तरह से हमारे लिए उपयोगी हैं। अगर हम तुलसी की ही बात करें तो लगभग हर घर के आँगन में तुलसी का पौधा मिल जाता है। इसकी पूजा भी की जाती है। तुलसी जितनी पूजनीय है, उतनी ही ये सेहत के लिए लाभदायक है।


7 April, 2015

गले की पीड़ा चुटकियों में दूर भगायें

सूजन, सर्दी-जुकाम या अन्य कारणों से गले में वेदना होती है। यह वेदना सूई चूभने की-सी या फटने जैसे होती है, जो कभी-कभी असहनीय हो जाती है। इसके लिए इन नुस्खों का प्रयोग लाभदायक है।


7 April, 2015

आसान उपायों को अपनाएँ

तनाव से करें तौबा
आधुनिक समय की भागम-भाग जिंदगी में मनुष्य का जीवन तनावों से भरा होता है। तनाव कई तरह की बीमारियों को जन्म देता है। आज प्रत्येक व्यक्ति किसी न किसी तनाव की स्थिति से गुजर रहा होता है। इसलिए तनाव दूर करना बेहद जरूरी है।


7 April, 2015

डाॅ. विश्वेश्वरैया ने चिकित्सक को सिखाया कर्तव्यपालन

भारतीय इंजीनियरिंग के पितामह डाॅ. विश्वेश्वरैया अत्यंत सरल व्यक्तित्व वाले इंसान थे। अपार लोकप्रियता व सम्मान के बावजूद विश्वेश्वरैया सामान्य ढंग से रहते थे और उन्होंने अपनी साधारणता को विशिष्टता के अहंकार में कभी खोने नहीं दिया। वे निष्पक्ष ढंग से कार्य करते थे और उनकी दृष्टि में सभी व्यक्ति समान थे।


7 April, 2015

धनार्जन के सफर में हृदय और आत्मा से गुजरें हम

हमारे हृदय में जितने अधिक सद्गुण हैं, समझ लें हम उतने ही धनवान हैं। हृदय सद्वृतियों से जुड़कर न सिर्फ सुखी रहता है, बल्कि शांति को भी प्राप्त करता है। बाहर का भ्रम अस्थिर होता है, क्योंकि हम उसे मन और बुद्धि से जोड़कर चलते हैं। हमें धन की यात्रा में हृदय और आत्मा से गुजरना चाहिए।